Union Home Minister Amit Shah at the Maharaja Sayajirao University of Baroda in Vadodara
Photo: Amit Shah /ANI Twitter

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वड़ोदरा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के वडोदरा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए भाषा से बेहतर कोई रास्ता नहीं हो सकता। इसलिए पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा (भाषा) को अनिवार्य किया है। 

गृह मंत्री ने यह भी कहा, “शिक्षा का उद्देश्य डिग्री या अच्छी नौकरी लेना नहीं संपूर्ण मानव बनना है। ये तभी हो सकता है जब शिक्षा स्ट्रीमलेस व क्लासलेस हो, ये नई शिक्षा नीति में किया गया है।”

जीवन में कुछ भी करो, लेकिन अपनी मातृभाषा को मत छोड़ो

अमित शाह ने कहा, ‘नई शिक्षा नीति में सयारी राव के सुलभ शिक्षा के बारे में विचार, महिला सशक्तिकरण पर सरदार पटेल के विचार और ज्ञान के लिए शिक्षा के संबंध में बीआर अंबेडकर के विचार भी शामिल हैं। अपने जीवन में कुछ भी करो, लेकिन अपनी मातृभाषा को मत छोड़ो। इस हीन भावना से बाहर निकलिए कि आपकी भाषा आपको स्वीकार नहीं करेगी। भाषा एक अभिव्यक्ति है।’

गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘कोई भी व्यक्ति यदि अपनी भाषा में सोचता है तो वह अच्छा सोचता है। यदि वह अपना शोध करता है तो उसकी शोध की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। मातृभाषा से बड़ा व्यक्तित्व निर्माण का कोई माध्यम नहीं हो सकता। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप आगे आएं और मातृभाषा को स्वीकार करें।’

नई शिक्षा नीति के तहत मातृ भाषा अनिवार्य

अमित शाह ने आगे कहा, ‘मैं विदेशों के लोगों से मिलता हूं। जब वे मेरे साथ अंग्रेजी में बात करते हैं, तो मैं उनसे पूछता हूं कि आपके देश की भाषा कौन सी थी। वे थोड़ा नीचे देखते हैं, हमें यह भी नहीं पता कि हमारे देश की भाषा कौन सी थी। हमारे पास सबसे अच्छी भाषा है। साहित्य, व्याकरण और कविता हमारी भाषाओं में इसलिए पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा को अनिवार्य कर दिया है।’