देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जारी लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया था। प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया था।
मुंबई. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जारी लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया था। प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया था। लेकिन इस बीच आदित्य ठाकरे ने रेलवे सेवा शुरू न करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। इस पर अब केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि, आदित्य ठाकरे इस प्रकार से उद्धव ठाकरे के खिलाफ जाकर भूमिका कैसे ले सकते है?
गौरतलब है कि, मंगलवार को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर हजारों की संख्या में उत्तर भारतीय मजदूर लोग ट्रेन से अपने गांव जाने के लिए इकठ्ठा हुए थे। इस दौरान लोगों गांव जाने की मांग की और धरने पर बैठ गए। इस घटना के बाद अब विपक्ष ठाकरे सरकार सवाल कर रहा है कि, लॉकडाउन के दौरान इतनी बड़ी में लोग इकठ्ठा कैसे हुए?। इस बीच आदित्य ठाकरे ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर बांद्रा भीड़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार माना है।
आदित्य ने कहा था कि, “केंद्र सरकार ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया। इस वजह से ऐसी परिस्थिति निर्माण हुई है। सूरत में हुआ दंगा भी इसी का परिणाम है। इन मजदूरों को खाना या घर नहीं चाहिए, उनको उनके घर जाना है।”
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी घेतलेल्या लॉकडाऊनच्या निर्णयाचे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी स्वागत केले असताना त्या विसंगत भूमिका आदित्य ठाकरे कशी काय घेतात? ट्रेन सुरू केल्या असत्या तर कोरोनाचा प्रादुर्भाव देशभर वाढला असता. लॉकडाऊनआधी ट्रेन सुरू करण्याचे त्यांचे ट्विट चुकीचे आहे
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) April 15, 2020
इस मुद्दे पर रामदस अठावले ने आदित्य की भूमिका पर सवाल किया। उन्होंने कहा , उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया था। फिर आदित्य ठाकरे ने उनके खिलाफ भूमिका कैसे ली? ट्रेनें शुरू हुई होती तो कोरोना वायरस देशभर में बढ़ा नहीं होता। लॉकडाउन के पहले ट्रेन शुरू करनेवाला उनका ट्वीट गलत है।