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नई दिल्ली/भोपाल. जहां एक तरफ महाराष्ट्र में शिंदे सरकार (Shinde Goverment) ने मुंबई के वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक (Versova–Bandra Sea Link) का नाम बदलकर अब वीर सावरकर सेतु (Veer Savarkar Setu) कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने वीर सावरकर (Veer Savarkar) के जीवन पर कुछ चैप्टर स्कूल के नए पाठ्यक्रम में जोड़ने जा रही है। इस मुद्दे पर अब BJP और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो चुकी है।

क्या है मामला 

मामले पर मध्य प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि, वीर सावरकर पहले लेखक थे जिन्होंने 1857 आंदोलन को ‘स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था। वहीं भारत की आज़ादी में उनका अपूरणीय योगदान है और इसलिए उनको सम्मान मिलना चाहिए। दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी। विदेश आक्रांताओं को महान लिखा गया। हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे इसलिए नए पाठ्यक्रम में हम जोड़ेंगे।”

वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे सावरकर को शामिल करना चाहते हैं। उन्होंने अंग्रेजों से अपने किए की माफी मांगी और उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करना स्वतंत्रता सेनानियों का बड़ा अपमान है।” 

राहुल गांधी और वीर सावरकर 

गौरतलब है की कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे थे। तब उन्होंने वीर सावरकर को लेकर एक विवादित बयान दिया था। दरअसल राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के वाशिम ज़िले में आयोजित एक रैली में वीर सावरकर को लेकर BJP और RSS पर निशाना साधा था। तब यहां उन्होंने कहा था कि, एक ओर बिरसा मुंडा जैसी महान शख्सियत हैं, जो अंग्रेज़ों के सामने झुकी नहीं और दूसरी ओर सावरकर हैं, जो अंग्रेज़ों से माफ़ी मांग रहे थे।