Balasaheb Thorat

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    अहमदनगर. गन्ने (Sugarcane) की खेती को व्यवसायिक तरीके से करते हुए किसानों (Farmers) को ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) का इस्तेमाल करने के साथ ही गन्ने की उत्पादकता प्रति एकड़ 100 टन तक बढ़ाने के लिए किसानों को नियोजन करना चाहिए। पानी उपलब्ध कराने की दृष्टि से निलवंडे बांध के लंबित कामों को गति दी गई है। अगले वर्ष बारिश के सीजन में निलवंडे बांध का पानी दोनों कैनाल के जरिए संगमनेर तहसील के सूखाग्रस्त परिसर में पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू है। ऐसा प्रतिपादन राजस्वमंत्री बालासाहब थोरात (Revenue Minister Balasaheb Thorat) ने किया।

    संगमनेर के सहकार महर्षि भाऊसाहब थोरात चीनी मिल की 54वीं सालाना बैठक ऑनलाइन ली गई। मिल के अध्यक्ष बाबासाहब ओहोल की अध्यक्षता में इस समारोह के लिए विधायक डॉ. सुधीर तांबे, नगराध्यक्षा दुर्गा तांबे, बाजीराव खेमनर पाटिल, रणजित सिंह देशमुख, इंद्रजीत थोरात, लक्ष्मणराव कुटे, शंकरराव खेमनर, संतोष हासे, अमित पंडित, साहबराव गडाख आदि उपस्थित थे। 

    खर्च में भारी बचत कराना संभव होगा

    राजस्वमंत्री थोरात ने कहा कि संगमनेर तहसील में रचनात्मक कार्य, सुसंस्कृत राजनीति, ग्रामीण विकास के साथ सहकारी संस्थाएं सामान्य लोगों के विकास की दृष्टि से काम कर रही हैं। थोरात चीनी मिल ने गन्ना उत्पादक किसानों को एफआरपी के तहत उच्चतम दाम गन्ने के लिए दिए हैं। 5000 मीट्रिक टन क्षमता के नए मिल का 5वां क्रशिंग सीजन है। इस वर्ष बिजली निर्मिति से मिल को 50 करोड़ से अधिक उत्पादन मिला है। कार्यक्षेत्र में ही अधिक गन्ना उपलब्ध होने से गन्ने की यातायात पर होने वाले खर्च में भारी बचत कराना संभव होगा।