Ajit Pawar and Eknath Shinde

Loading

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) और अन्य नेताओं के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार में शामिल होने के बाद से महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने अजित पवार को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि 10 अगस्त के आसपास महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को हटाकर उनकी जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार को लाया जाएगा।

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “अजित पवार महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। मैं अपने स्रोत उजागर नहीं कर सकता। एनसीपी में विभाजन के तुरंत बाद मैंने इसके बारे में काफी समय पहले बात की थी। यह केवल कुछ सूचनाओं पर आधारित एक विश्लेषण है।”

उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ दलबदल विरोधी निर्णय 10 अगस्त के आसपास दिया जाएगा। ऐसा कोई रास्ता नहीं है जिससे शिंदे समूह अयोग्यता से बच सके क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है। ऐसे में सीएम का पद खाली हो जाएगा। CM ने अपने परिवार के साथ गए और PM से मुलाकात की। इस दौरे ने सवाल खड़े कर दिए हैं। ये विदाई की खुशबू है।”

हालांकि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पृथ्वीराज चव्हाण के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। फडणवीस ने कहा, “आजकल कई वरिष्ठ नेताओं को अटकलें लगाते हुए देखा जा सकता है। वे जितना चाहें उतना अनुमान लगा सकते हैं। जब हमने महायुति गठबंधन बनाया, तो तीनों दलों के तीनों नेता स्पष्ट थे कि सीएम एकनाथ शिंदे हैं और वह महायुति के सीएम बने रहेंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला है।”

उन्होंने कहा, “महायुति की सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर मैं साफ तौर पर यह कहना चाहता हु कि किसी के मन में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। अगर विपक्ष भ्रम पैदा करने की कोशिश करता है तो इसका मतलब है कि वे पतंगबाजी कर रहे हैं और उनकी पतंग नीचे आ जाएगी।”

गौरतलब है कि 2 जुलाई को अजित पवार और एनसीपी के आठ विधायक शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। जबकि, छगन भुजबल और हसन मुशरिफ समेत अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद अजित पवार को वित्त विभाग का प्रभार दिया गया। इसके अलावा विधायकों को भी विभाग आवंटित किए गए। शिंदे ने कहा था कि अजित पवार के सरकार में शामिल होने से उनको कोई खतरा नहीं है।