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    अकोला. जगह के विवाद को लेकर जानलेवा हमला करने के प्रकरण में दोषी पाए गए पुरुषोत्तम  गाडगे, संतोष गाडगे, उमेश गाडगे, गोपाल गाडगे एवं खंडू गाडगे (सभी निवासी टाकली खेजबल, तहसील बालापुर) को जिला व सत्र न्यायालय द्वारा कारावास की सजा सुनाई गई है.

    उरल पुलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र में शिकायतकर्ता प्रवीण साबे के परिवार एवं आरोपियों के बीच भूमि विवाद चल रहा था. शिकायतकर्ता के पिता काशीराम साबे ने आरोपियों के खिलाफ उरल पुलिस स्टेशन में 26 मई 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी. इससे नाराज आरोपियों ने 30 मई 2015 को शिकायतकर्ता प्रवीण पर उनके घर के सामने लोहे के पाइप व लाठियों से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था.

    इस प्रकरण में सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. थानेदार पी.के. काटकर ने घटना की जांच कर न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी. जिला व सत्र न्यायाधीश डी.बी. पतंगे के न्यायालय में इस मामले से संबंधित आठ गवाहों के बयानों की जांच की गई. 30 जुलाई को सुनाए गए इस मामले के निर्णय में न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई.

    साथ ही इस हमले में जख्मी हुए प्रवीण व सचिन साबे को 25-25 हजार रुपए का हर्जाना देने का आदेश भी दोषियों को दिया गया है. इस मामले में अतिरिक्त सरकारी वकील आर. फुडकर व श्याम खोटरे ने सरकार की ओर से पैरवी की. उन्हें पुलिस उपनिरीक्षक जाकिर हुसैन ने पैरवी अधिकारी के रूप में सहायता की.

    यह है सजा का स्वरूप

    आरोपियों को धारा 147, 148, 307, 504, 506, 450 व 149 के तहत दोषी करार देते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न किए जाने पर उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. धारा 307 सहित धारा 149 के तहत 6 वर्ष के सश्रम करावास की सजा व 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरे जाने पर एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है.

    इसके अलावा धारा 504, 505 एवं 149 के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने पर 3 महीने के अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था की गई है. साथ ही धरा 450 एवं 149 के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ 3 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने पर उन्हें एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.