ST bus

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अकोला. देश को आजादी मिलकर 73 वर्ष हो गए फीर भी देहातों में रात में जानेवाले एसटी बसों के चालक, वाहकों के ठहरने का प्रश्न हल हुआ नही. इस संदर्भ में बार बार एस.टी. महामंडल ने ग्राम पंचायत प्रशासन से पत्रव्यवहार किया फीर भी इसमें से कोई हल नही निकला. गांव में देर रात पहुंचनेवाली आखरी बसफेरी रहती है. वापिस जाने के लिए ऐसे समय में यात्री नही मिलते. इसलिए वह बस उसी गांव में रात को रुकवाई जाती है. ऐसे समय में चालक, वाहकों को ग्राम पंचायत कार्यालय में ही ठहरने का पड़ता है.

देहातों में ठंड के मौसम में होटल जल्द ही बंद होती है. तथा ग्राम पंचायत कार्यालय को ताला लगा रहता है. पहले ग्राम पंचायत की ओर से सहयोग मिलता था, लेकिन अब सतरंजी मिलाना भी मुश्किल हुआ है. इस तरह के अनुभव अनेक एस.टी.कर्मचारियों को आए है. ग्राम पंचायत स्तर पर चालक, वाहकों को सहयोग मिलने के लिए बार बार प्रशासकीय पत्रव्यवहार हुआ है. लेकिन इस प्रश्न पर कायमस्वरुप में हल निकला नही. 

एसटी बस में ही आराम

जीन स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था नही, ऐसे स्थानों पर चालक वाहकों को एसटी बस में ही रात को आराम व निंद लेना पड़ता है. प्रत्येक बस में इस तरह की व्यवस्था न होने से बस में ही बैठकर ही रात गुजारनी पड़ती है.