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    • त्रिमूर्ति ने लूटने का आरोप, 
    • ग्रामवासियों का भी आंदोलन में सहभाग 

    अकोला. स्वयं के स्वार्थ के लिए बोगस कार्य का प्रस्ताव तैयार कर जनता को लूटनेवाले भाजपा, शिवसेना, प्रहार यूती के त्रिमूर्ति पालकमंत्री बच्चू कडू, रणधीर सावरकर, नितिन देशमुख इन त्रिमूर्तियों ने तेल्हारा, बालापुर और अकोट तहसील के सड़क निर्माणकार्य में अनियमितता को मूकसम्मति देने से यह सड़के मौत के जाल बने है. इस नौटंकी और झूठे कामकाज का निषेध करने के लिए 2 मई को गांधीग्राम में आत्मक्लेश आंदोलन किया गया. 

    गांधीग्राम में महात्मा गांधी स्मारक के सामने दोपहर 2 बजे ढोल ताशे बजाते हुए वंचित बहुजन आघाड़ी ने आत्मक्लेश आंदोलन किया. आंदोलन में गांधीग्राम के आस पास के 20 से 25 गांवों के ग्रामवासी उपस्थित थे. अकोला अकोट सड़क यह पिछले पांच वर्ष से बनाना शुरू है. लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हुआ है. जिससे आस पास के गांवों के व दोनों तहसील के लोगों के हाल बेहाल हो रहे है. इस सड़क पर 22 लोगों को जान गंवानी पड़ी है.

    पालकमंत्री को इस सड़क के संबंध में आत्मक्लेश नहीं लगता क्या? ऐसा प्रश्न वंचित ने पूछा है. इस आंदोलन में वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धैर्यवर्धन पुंडकर, युवा आघाड़ी प्रदेश महासचिव राजेंद्र पातोडे, महिला आघाड़ी प्रदेश महासचिव अरुंधती शिरसाट, जिलाध्यक्ष प्रमोद देंडवे, बुलढाना प्रभारी प्रदीप वानखडे, महिला आघाड़ी जिलाध्यक्ष प्रभा शिरसाट, जि.प. सभापति आकाश शिरसाट, दिनकर खंडारे, गजानन गवई आदि ने मार्गदर्शन किया.

    संचालन सचिन शिराले ने किया. आंदोलन में जि. प. सदस्य संगीता आगाऊ, अकोला पं.स. सभापति राजेश वावकार, उप सभापति आनंद डोंगरे, पुरुषोत्तम अहिर, संतोष मोहोल, मंगेश गवई, उप सभापति धनंजय दांदले, अतीष शिरसाट, एड. सुबोध डोंगरे, बबलु पातोडे, युवराज मुरकुटे, सूरज दामोदर, सुशील मोहोड, सागर खाडे, हितेश जामनिक, धीरज इंगले, राजकुमार दामोदर, सुरेंद्र ओइंबे, पप्पु मोरे, विजय तायडे, बजरंग नागे, प्रतुल विरघट, प्रसेनजीत रगडे आदि उपस्थित थे.