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    • नियोजन का अभाव

    अकोला. कोरोना संकट में आर्थिक नुकसान होने के बाद भी एसटी महामंडल का कामकाज सुचारू न होते हुए दिखाई दे रहा है. लंबी दूरी की तथा कुछ मार्गो पर एसटी बसेस छोड़े जाने से 50 प्रतिशत यात्री घटे है. जिससे एसटी बसेस की आय आधे से भी कम होने से परिणाम हुआ है. नियोजन के अभाव से एसटी महामंडल के अकोला विभाग को नुकसान हो रहा है.

    कोरोना की दूसरी लहर में पाबंदियों में शिथिलता मिलने के बाद भी ग्रामीण भागों की अधिकतर एसटी बसेस बंद ही है. जिले के बाहर व लंबी दूरी की बसेस छोड़े जाने से इन बसेस को यात्रियों का प्रतिसाद नही मिल रहा है. इन एसटी बसेस से गिने चुने यात्री ही यात्रा करते है. एसटी बस स्टैण्ड से एक ही मार्ग पर तीन-तीन बसेस प्लैटफार्म पर लगती है. प्रतिसाद न मिलने से ऐसी बसेस स्थगित करने का निर्णय न लेने से एसटी महामंडल को आर्थिक नुकसान हो रहा है. 

    ग्रामीण भागों में एसटी बस की प्रतीक्षा 

    जिले की ग्रामीण क्षेत्र में एसटी बस फेरियां अभी भी पूर्ववत शुरू नही हुई है. जिससे देहातों में नागरिक व किसान एसटी बस फेरियों की प्रतीक्षा कर रहे है. ग्रामीण में एसटी बस फेरियां ना होने से परिवहन विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है. अनलाक से यात्री परिवहन के लिए शिथिलता मिली है. लेकिन ग्रामीण भागों में एसटी बस फेरियों की प्रतीक्षा की जा रही है. एसटी महामंडल ने बस फेरियां शुरू करना चाहिए. 

    अंतरराज्य परिवहन बंद

    अकोला शहर से हैद्राबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, छिंदवाडा, इंदौर इस पडौस के राज्य के शहर में एसटी महामंडल की बसें दौड़ती है. अकोला बस स्टैण्ड से स्थानीय डिपो से बसेस छोड़ी जाती है, जिससे डिपो को लाखों रू. की आय मिलती है. लेकिन लाकडाउन से अंतरराज्य परिवहन फिलहाल बंद होने से एसटी महामंडल की आय पर परिणाम हुआ है.