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प्रतीकात्मक तस्वीर

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अमरावती. अचलपुर में एक पुलिस अधिकारी के हत्यारोपी केदार घनश्याम चरपाते को धारा 307 के तहत दर्ज हुए एक अन्य मामले में जेल भेज दिया गया. इसी के साथ हत्या के पहले मामले में मिली जमानत भी रद्द कर दी गई. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुई सुनवाई के बाद आरोपी केदार दोबारा जमानत हासिल करने में सफल रहा और उसे जेल से रिहा कर दिया.

जानकारी के अनुसार, केदार पर एएसआई शांतिलाल पटेल की हत्या का मामला चल रहा है. यह घटना 4 सितंबर 2018 की है. मामला संगीन होने के चलते इस मामले में केदार ने मुश्किल ने जमानत हासिल की थी. जेल से रिहाई के कुछ वर्षों के बाद उस पर हत्या के प्रयास का एक और मामला दर्ज हो गया. उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. ऐसे में एएसआई पटेल की हत्या में मिली जमानत भी रद्द कर दी गई. बचाव पक्ष के वकील एड. कौशल त्रिवेदी ने अचलपुर सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट में इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया.

सुनवाई के बाद सुको ने निर्देश दिये कि यदि केदार हत्या के प्रयास के नये मामले में जमानत हासिल कर लेता है तो वह एएसआई पटेल वाले मामले में भी जमानत का हकदार होगा. लेकिन यह सब मेरिट आधार होगा. इसके बाद एड. त्रिवेदी ने हत्या के प्रयास वाले मामले में अचलपुर सेशन कोर्ट में दोबारा अपील की लेकिन जमानत याचिका खारिज कर दी गई.

उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से दी गई दलीलें और पुलिस द्वारा पेश किये गये साक्ष्यों में भारी अंतर देखते हुए जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने जमानत मंजूर की. इसी आधार पर केदार को एएसआई पटेल की हत्या वाले मामले में भी दोबारा जमानत मिल गई.