Ashok Chavan and Yashomati Thakur

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अमरावती. राज्य के कांग्रेसी नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान द्वारा विधायक सह पार्टी से त्यागपत्र दे दिया. जिसकी राज्य में अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है. इसके बावजूद जिले में चौहान द्वारा दिए गए त्यागपत्र का कोई असर नजर नहीं आ रहा. जिले में पूर्व मंत्री विधायक यशोमति ठाकुर, पूर्व पालक मंत्री डॉ. सुनील देशमुख, दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखेडे, जिला अध्यक्ष बबलू देशमुख, शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत जैसे नेताओं ने चौहान के त्यागपत्र को कोई तवज्जों न देते हुए उनके त्यागपत्र से पार्टी को कोई असर नहीं पड़ने की बात कही.

अब उनके पास महाराष्ट्र में कोई मौका नहीं

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और विधायक से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया है कि बीजेपी ने चव्हाण जैसे नेता को ब्लैकमेल किया है, लेकिन बीजेपी कितना भी दबाव डालकर नेताओं को घसीटने की कोशिश कर ले, महाराष्ट्र की जनता बीजेपी और ऐसे विश्वासघाती नेताओं का साथ कतई नहीं देगी. हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र में कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का नाम आने के बाद यह साफ हो गया है कि यह इस्तीफा किस बात का संकेत है.

अशोक चव्हाण पिछले कुछ महीनों से लगातार दबाव में थे, लेकिन आखिरकार उन्हें ब्लैकमेल कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. भाजपा यह रणनीति इसलिए अपना रही है क्योंकि उसकी अपनी पार्टी की ताकत और छवि दोनों ही गिरती जा रही है. भाजपा निश्चित रूप से कुछ ऐसे आदर्श नेताओं को, जो किन्हीं समस्याओं या मामलों में फंसे हुए हैं, उन पर दबाव डालकर और ईडी, सीबीआई सिस्टम का डर दिखाकर पार्टी में ला सकती है, लेकिन ये मामला निश्चित तौर पर सभी लोगों के लिए दिलचस्प नहीं है. यशोमति ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले चुनावों में बुद्धिमान मतदाता राजनीति के इस अत्यंत विकृत स्वरूप को अवश्य समाप्त कर देंगे.

इससे पहले भी मुगल सेना भारी संख्या में राइफलों और गोला-बारूद के साथ यहां के मैदानों पर चढ़ाई कर चुकी थी. यहां के कुछ मनसूबेदारों और वतनदारों को मुगलों ने लालच दिया और डराया था. महाराष्ट्र यह नहीं भूला है कि छत्रपति शिवराय के नेतृत्व में उन मावलों की जीत हुई थी जो देश के लिए, स्वशासन के लिए लड़े थे, जो अपनी मिट्टी के प्रति वफादार थे और जिनकी संख्या कम थी. यह आने वाले चुनाव में भुलाया नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विकृत राजनीति और विश्वासघाती गठबंधन को कभी माफ नहीं करेगा. 

-एड.यशोमति ठाकुर, विधायक

पार्टी के चलते उनका अस्तित्व था 

कांग्रेस नेता अशोक चौहान को उनके जीवन में पार्टी ने काफी कुछ दिया. दो बार राज्य का मुख्यमंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद सौंपा. पार्टी के चलते उनका अस्तित्व था. उन्होंने सिर्फ ईडी के डर से पार्टी को छोड़ा. इससे पूर्व जिन्होंने भी पार्टी को त्यागा उनका राजकीय अस्तित्व समाप्त हो गया है. जिसका अनुभव उन्हें आगामी समय में आएगा.

-बबलू शेखावत, शहराध्यक्ष, कांग्रेस