
अमरावती. किसानों ने फसलों के नुकसान भरपाई के लिए फसल बीमा निकाला था,लेकिन गत वर्ष अतिवृष्टि से किसानों की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. फसल बीमा निकालने के बाद भी नुकसान भरपाई नहीं मिली. फसल बीमा से कई गांव वंचित रहने का मुद्दा जिप सदस्य ने उठाते हुए जिला परिषद अध्यक्ष कृषि विभाग के अधिकारियों पर बरस पडे़. अध्यक्ष देशमुख ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सत्यता सामने लाने के लिए कृषि विभाग की रिपोर्ट सभा में उपस्थित करने क्या आदेश दिए.
मंडल नहीं, जिले के किसानों का हाल
आम सभा में सदस्य प्रताप अभ्यंकर ने रासेगांव मंडल को फसल बीमा से वंचित रखने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में इस मंडल को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है. फलस्वरूप किसानों का ही नुकसान हुआ है. फसलों के नुकसान के बावजूद बीमा कंपनी को जमा की गई रकम भी डूब चुकी है.
जिस पर सुहासिनी ढेपे ने कहा कि यह केवल एक मंडल का मुद्दा नहीं है, संपूर्ण जिले के किसानों का यही हाल है. फसल बीमा की मदद राशि नहीं मिलने से किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ है. जिस पर कृषि विभाग ध्यान नहीं दे रहा. सदस्यों की बात पर अध्यक्ष ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सच्चाई सामने लाने का आह्वान करते हुए कृषि समिति की रिपोर्ट सभा में उपस्थित करने के आदेश दिए.
फिर क्यों बांटे परमिट
सदस्य गौरी देशमुख ने कहा कि समूचे जिले में महाबीज का सोयाबीन बीज नहीं मिल रहा है. आखिरकार बीज नहीं देना था, तो किसानों को परमिट क्यों बांटे गए. महाबीज के बीज उपलब्ध नहीं होने से किसानों को लाखों रुपए का चूना लग रहा है. इसका नियोजन भी कृषि विभाग ने पहले ही करना चाहिए था, ऐसा कहते हुए कृषि विभाग से जवाब तलब किया. लेकिन कृषि विभाग कोई भी जवाब नहीं दे पाया.