बारिश ने किया किसानों के नाक में दम, फसलों का विकास थमा

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    वरुड (सं). किसानों ने पिछले बीस वर्षों में इस साल की तरह बारिश नहीं देखी है. भारी बारिश के कारण फसलों की वृद्धि रुक ​​गई है. कृषि अधिकारियों ने संतरे की फसल के खराब होने की आशंका जताई है. आने वाले दिन कैसे बितेंगे इसे लेकर किसान चिंतित है. रोज हो रही बारिश ने किसानों के नाक में दम कर रखा है.

    खेतों में जाना तक मुश्किल

    इस साल बारिश समय पर हुई. बुवाई के लिए उपयुक्त बारिश से किसान खुश था. सभी किसान बुवाई कर चुके हैं. कपास, ज्वार, मक्का, अरहर, सोयाबीन की बुवाई के बाद किसान को राहत मिली. बाद में जोरदार बारिश शुरू हो गई. बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. पिछले दस दिनों से झमाझम बारिश हो रही है. खरपतवार, खाद, छिड़काव ठप होने से फसलों की वृद्धि रुक ​​गई है. खेतों में घास की मात्रा में जबरदस्त वृद्धि हुई है. खरपतवार कैसे करे, इसे लेकर किसान परेशान हैं. किसान परेशान हैं कि फसलों का विकास कैसे होगा. बारिश से खेतों में जाना तक मुश्किल हो गया है. 

    संतरा उत्पादन खतरे में 

    इस साल संतरे की दो बहार आयी. संतरे के कारण, इस क्षेत्र को विदर्भ के कैलिफोर्निया के रूप में जाना जाने लगा है. सबसे पहले, संतरा कलमों का उत्पादन वरुड तहसील में किया जाता था. बाद में यह तकनीक हर जगह विकसित हुई. इसके चलते यहां के कारीगर दूसरे प्रांतों में जा रहे हैं और हर जगह संतरे की कलम तैयार की जा रही है.

    इतना ही नहीं यहां के ग्राफ्ट से अन्य प्रांतों में ग्राफ्ट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा रहा है. लेकिन इस साल बारिश ने कहर बरपा रखा है. कई कलम तैयार हैं. लेकिन भारी बारिश के कारण किसान कलम लगा नहीं कर पा रहे हैं. जिन लोगों ने कलम लगाने का प्रयास किया, उनकी कलम सक्ष्म नहीं हुइ है. यही कारण है कि कोई भी कई जगह की कलम ले जाने को तैयार नहीं है. जिससे संतरा उत्पादन भी खतरे में आ गया है.