
छत्रपति संभाजीनगर: सूखे का सामना कर रही मराठवाड़ा (Marathwada) की जनता को राहत देने के लिए शनिवार को शहर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 46 हजार करोड़ (46 thousand crore) रुपए के विकास (Development) कार्यों को मंजूरी देने की घोषणा की गई है। इसमें प्रमुख रुप से सिंचाई के लिए 27 हजार करोड रुपए की निधि मंजूर किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde), डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस, और अजीत पवार ने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई परियोजनाओं को मंजूरी देने के अलावा अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही कई नई परियोजनाओं को भी जल्द पूरा करने के लिए निधि मंजूर की गई है। इनमे समंदर में बहने वाले पानी गोदावरी घाटी में टर्न करने के लिए करीब 14 हजार 40 करोड़ रुपए की मान्यता, मराठवाडा के दूध उत्पादन को गति देने के प्रस्तावित योजना के लिए 3 हजार 225 करोड़, एक गांव में कम से कम दूध देने वाले 50 मवेशियों का अनुदान तत्व पर वितरण, तुलजा भवानी मंदिर के विकास के लिए 1385 करोड़, परभणी के पाथरी के साईं बाबा तीर्थ क्षेत्र के विकास परियोजना के लिए 91 करोड़ 80 लाख रुपए, शनी देवगांव उच्च स्तर के बांध के निर्माण के लिए 285 करोड़, नांदेड में गोदावरी घाट साबरमती नदी के तर्ज पर रिवर फ्रंट विकसित करने के लिए 100 करोड़, मराठवाडा के ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोडने के लिए 284 करोड़, पैठण में स्थित संत ज्ञानेश्वर उद्यान विकसित करने के लिए 150 करोड़, संभाजीनगर में भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला की स्थापना, ग्रामीण महिलाओं के सक्षमीकरण के लिए 1076 करोड़ रुपए का अधिक का प्रावधान, हिंगोली में नए वैद्यकीय सरकारी महाविद्यालय के लिए 485 करोड़ रुपए को मान्यता, राज्य के वरिष्ठ निवासी डॉक्टर्स को 85 हजार रुपए प्रति माह मानधन, उस पर 12 करोड़ 85 लाख खर्च होंगे।
वॉटर ग्रिड योजना का उद्धव ठाकरे ने किया खून
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की सरकार द्वारा वॉटर ग्रिड योजना बंद करने पर कड़ी नाराजगी जताई। ये भी कहा की तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने इस योजना का खून किया था। एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने 2016 में उनके कार्यकाल में लिए निर्णयों में से कई कार्य होने का दावा करते हुए कहा कि ढाई साल महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार होने के चलते अधिकतर कामों पर ब्रेक लगा था, जिसके चलते कई योजनाएं अधूरी पड़ी है। जिसका सारा ठीकरा फडणवीस ने राज्य की तत्कालीन ठाकरे सरकार पर फोड़ा. उन्होंने बताया कि 2016 में शहर में ली गई मंत्रिमंडल की बैठक में 31 निर्णय लिए गए थे, उसमें से अधिक तर निर्णयों पर सरकार ने अमलीजामा पहनाया। उन्होंने विरोधी दलों द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में काम न होने से आज कई प्रकल्प अधूरे है।