जानें क्यों कई संस्थाओं ने क्यों खटखटाया वक्फ बोर्ड का दरवाजा, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

    Loading

    औरंगाबाद: गत अक्टूबर माह में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिए महत्वपूर्ण  आदेश के बाद निर्णय के विरोध में गए कई संस्थाओं ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड (Maharashtra State Waqf Board)  का दरवाजा खटखटाकर अपनी शिकायतें पेश करना शुरु किया है। न्यायालय के आदेश के अनुसार, आगामी 6 माह में संबंधित संस्थाओं के शिकायतों की जरुरी दखल लेकर नियमानुसार निपटारा किया जाएगा। यह जानकारी महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के सीईओ जुनैद सैयद (CEO Junaid Syed) ने पत्रकारों को दी।

    उन्होंने बताया कि सन 2002 में  महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड गठित होने के बाद मराठवाडा वक्फ बोर्ड व्यतिरिक्त संस्थाओं ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के अखतियार में न जाने के लिए वक्फ संस्थाओं के सूची को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उक्त संस्थाओं ने न्यायालय में सीधे सरकार द्वारा जारी राजपत्र को चैलेंज किया था। सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को लेकर तैयार किया गया राजपत्र अपर्याप्त निरीक्षण के आधार पर तैयार करने का आरोप विविध संस्थाओं ने लगाया था। इस दरमियान उच्च न्यायालय ने संस्थाओं का पक्ष जानकर संस्थाओं के फेवर में परिणाम दिया था। उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए परिणाम के खिलाफ राज्य वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

    सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के पक्ष को माना सहीं

    सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बोर्ड और संस्थाओं के खिलाफ जिरह हुई। अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सारी स्थिति से अवगत होने के बाद महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के पक्ष को जायज ठहराते हुए सरकारी राजपत्र व नियम केन्द्रीय वक्फ कानून 1995 के अंतर्गत होने का परिणाम दिया। साथ ही आगामी 8 सप्ताह में उन संस्थाओं ने वक्फ बोर्ड के पास अपना पक्ष रखकर संस्थाओं के शिकायतों का वक्फ बोर्ड आगामी 6 माह में निराकरण करने के आदेश दिया गया है। उसके अनुसार उन संस्थाओं ने अपना पक्ष वक्फ बोर्ड के समक्ष रखने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। सीईओ जुनैद सैयद ने बताया कि संस्थाओं द्वारा बोर्ड के पास रखें जा रहे पक्ष पर नियमानुसार उनकी शंका दूर करने का सिलसिला जारी हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य वक्फ बोर्ड नियमानुसार सारी संस्थाओं के मामलों को हल करेगा।