Atul Save

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छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र की सत्ता संघर्ष को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिया हुआ निर्णय यह राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार (-Fadnavis Government) के दृष्टि से जनता के दिल का निर्णय है। महाराष्ट्र की जनता को यही अपेक्षित था। शिंदे-फडणवीस सरकार ने गुरुवार के निर्णय के बाद राहत ली है। जिसके चलते अब महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर विकास कार्य होंगे। यह प्रतिक्रिया राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे (Atul Save) ने यहां दी।

गुरुवार की दोपहर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। इसी दरमियान राज्य के सहकारिता मंत्री और औरंगाबाद पूर्व के विधायक अतुल सावे जिलाधिकारी कार्यालय में पालकमंत्री संदिपान भुमरे के अध्यक्षता में मानसून पूर्व तैयारियों के लिए आयोजित जायजा बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। तब उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष को लेकर जो निर्णय दिया है, उसे विरोधी दलों ने मान्य करना चाहिए। 

जनता का आशिर्वाद हमारे साथ

सावे ने कहा कि न्यायालय ने राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी है। साथ ही उन्हें इस मामले में घसीटा भी नहीं। सरकार से अगर कोई गलती हुई है तो उसके लिए हम न्याय मांगेंगे। जरुरत पड़ी तो हम उसके लिए अपील भी करेंगे क्योंकि हम जनता के काम कर रहे हैं। जनता का आशिर्वाद हमारे साथ हैं। इसलिए राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार स्थिर है। 

जनता को काम को न्याय देती है

जिले के पूर्व सांसद और यूटीबी के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत खैरे ने सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महाविकास आघाड़ी सरकार के फेवर में आने के लिए पूजा की थी। इसको लेकर पूछे सवाल पर अतुल सावे ने कहा कि हर व्यक्ति ने पूजा जरुर करना चाहिए। पूजा-पाठ करने को हमारा विरोध नहीं हैं, लेकिन जनता काम को न्याय देती है। जन प्रतिनिधि को जनता के काम करना चाहिए। जनता उसी लिए जन प्रतिनिधि को चुनती हैं। एक सवाल के जवाब में सावे ने कहा कि जिस मामलों को लेकर न्यायालय ने आक्षेप जताया है, उसका हम स्पष्टीकरण देंगे।