
- प्रशिक्षणार्थी बने विभाग प्रमुख
भंडारा. पुरानी पेन्शन बहाली के लिए शुरू हड़ताल के चौथे दिन जहां एक ओर सरकार ने अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए सभी विभाग प्रमुख और कर्मचारियों को हड़ताल छोड़ काम पर आने के आदेश दिए हैं वहीं संगठनों ने हड़ताल तीव्र करते हुए काम पर वापस ना लौटने का फैसला किया है. परिणामस्वरूप जनजीवन को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है. मजबूरन स्वास्थ्य विभाग ने कान्ट्रैक्ट कर्मियों को जिला सिविल अस्पताल के आयसीयू छोड़ बाकी सभी 14 विभागों को कान्ट्रैक्ट कर्मियों और ट्रेनी नर्सों के हाले कर दिया है.
सिविल सर्जन दीपचन्द्र सोयाम के पत्र अनुसार जबतक हड़ताल शुरू रहेगी, जिला सिविल अस्पताल में यह व्यवस्था बनी रहेगी. साथ ही सभी इंटर्न्स को हड़ताल शुरू रहने तक पूरे समय के लिए ईमर्जन्सी और आयपीडी विभाग में कार्य करने के निर्देश हैं.
यह विभाग ट्रेनी नर्सों के हवाले
ईमर्जन्सी विभाग, वार्ड, लेबर रूम, नेत्र विभाग और ऑपरेशन थिएटर के प्रमुख स्टाफ नर्स और ट्रेनी नर्सेस रहेंगी. एक्सरे विभाग और सीटी स्कैन विभाग की प्रमुख टेक्निशियन कोमल कोल्हे रहेंगी. लैब विभाग, ब्लड बैंक, एसएनसीयू और स्त्री रोग विभाग ओपीडी एनएचएम के विभाग प्रमुख कान्ट्रैक्ट कर्मियों को बनाया गया है. सोनोग्राफी और फार्मसी वितरण विभाग एनसीडी कर्मचारी तथा महत्वपूर्ण डाइलिसिस विभाग का प्रमुख रोजंदारी कर्मचारी को बनाया गया है.
राजस्व कर्मियों को सेवा खंडित करने के नोटिस
कलेक्टर योगेश कुंभेजकर ने राजस्व विभाग के सभी 251 कर्मचारियों की सभी छुट्टियों को नामंजूर करते हुए शुक्रवार को काम पर वापस आने के निजी आदेश दिए हैं. कर्मचारी जॉइन ना होने पर उनकी सेवा खंडित करने की कारवाई या अनुशासनात्मक कारवाई की चेतावनी दी है.
स्कूलों मे जाकर गांधीगिरी
शुक्रवार को सभा स्थल पर जिप सीईओ नरेंद्र बोंद्रे, डिप्टी सीईओ पानझड़े, कॉंग्रेस नेता प्रमोद तितिरमारे, जिप सदस्य स्वाती वाघाये, सभापति रमेश पारधी ने सभास्थल पर भेंट देकर मध्यवर्ती कर्मचारी संगठन समन्वय समिति के प्रतिनिधियों से चर्चा की और राजपत्रित अधिकारी 28 मार्च से हड़ताल में शामिल होने का आश्वासन दिया. जिन स्कूलों के प्राचार्य शिक्षकों को स्कूल आने के लिए बाध्य कर रहे हैं उन स्कूलों में समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने आज भेंट देकर गांधीगिरी करते हुए पुष्पगुच्छ दिए. लाखनी तहसील की कुछ स्कूलों में और भंडारा के सरकारी जिला कार्यालयों में हड़ताल में शामिल ना होने वाले कर्मियों से मिलकर उनसे हड़ताल में शामिल होने की अपील कर यह गांधीगिरी की गई.