- गांव के ही लोग कर रहे हैं रास्तों पर अतिक्रमण
- अतिक्रमणधारकों पर कार्रवाई करने की मांग
पालांदूर. पालांदूर गांव के रास्तों पर हो रहे अतिक्रमण के चलते गांव का विकास बाधित हो गया है. अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खाली मैदान से लेकर तालाब, गांव में दिखाई देनी वाली जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं. दिन-ब-दिन बढ़ रहे अतिक्रमण के चलते लोगों को दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहनों को सड़कों से ले जाना कठिन हो रहा है.
लोगों को मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है. गांव की तस्वीर व तकदीर बदलने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों को गति प्रदान करने का प्रयास किया जाता है लेकिन शासकीय रास्ते, गांव की अंतर्गत सड़कें और जमीन पर अतिक्रमण होने से विभिन्न विकास कार्य बाधित हो रहे हैं.
पंचायत प्रतिनिधियों के शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से उनके हौसले बुलंद हो गए हैं. गांवों के अन्य लोग भी इन अतिक्रमणकारियों के गलत कार्यों का अनुकरण करने लगे हैं. अतिक्रमण हर गांव के लिए विकराल समस्या बन गई है. शासन-प्रशासन के उदासीन रवैए के चलते हर गांव में लगभग 50-60 प्रतिशत लोग अतिक्रमण कर रहे हैं, ऐसे लोगों को गांव के विकास से कोई सरोकार नहीं है.
अतिक्रमण को रोकने गांव स्तर पर किए जा रहे प्रयास भी महज इसलिए सफल नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि अतिक्रमणकारियों की तादात गांव में ज्यादा हैं. कई पंचायतों में जनप्रतिनिधि खुद इस कार्य में संलिप्त रहते हैं, जिस कारण अतिक्रमण के मामले में चुप्पी साध लेते हैं. इसलिए गांव के लोगों द्वारा ग्राम पंचायत प्रशासन को यह मांग की जा रही है कि अतिक्रमणधारकों के ऊपर प्रशासन ने कार्रवाई करनी चाहिए.
पालांदूर बाजार चौक में अतिक्रमण धारकों की संख्या ज्यादातर दिखाई देती है, उसी प्रकार पालांदूर से लाखनी जाने वाले रास्ते पर दुकानदारों ने जगह-जगह पर अतिक्रमण किया है. कुछ दुकानदार तो रास्ते पर ही दुकान का सामान रखते हैं. पालांदूर गांव के भीतर से गुजरने वाला मुख्य रास्ते पर भी दुकानदारों द्वारा साथ ही लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है लेकिन इस पर कार्यवाही करते हुए ग्राम पंचायत प्रशासन दिखाई नहीं देता है.