महंगाई से गरीबों का जीना दुश्वार, सब्जियों समेत जरूरतमंद सामग्रियों के दाम में हुई वृध्दि

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    साकोली. इन दिनों हरी सब्जियों समेत अत्यावश्यक सभी सामग्रियों के दाम बढ़ गए हैं. गरीब व मजदूर वर्ग कामकाज कर परिवार के जीवनयापन के लिए बेताहाशा मेहनत करता है, ताकि उसका परिवार सुखमय जीवन का गुजर बसर करें. किंतु आज के इस महंगाई वाले दौर में मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करना भी असंभव होने लगा है. एक घर के प्रमुख के भरोसे घर रहे तो जीना मुहाल होने जैसी स्थिति निर्माण हो जाती है.

    मजदूरी से परिवार चलाना हुआ मुश्किल

    शहरों में निवास करने वालों की स्थिति कुछ हद तक भली है, लेकिन गांव इलाकों में स्थिति और भी अधिक खराब अवस्था वाली है. महंगाई वाले इस भयानक मोड ने तो गांव इलाकों की तस्वीर और भी खराब कर दी है. जिस तरह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ी, अब घरेलू गैस कीमतों के दाम बढ़ने से लोग गैस भरने के लिए कतराने लगे है. और देशी तरीके से घरेलू पकवानों को चूल्हे के माध्यम से ही बनाने को प्राथमिकता देने लगे है. कड़कड़ाती धूप के दौरान सिर पर लकड़ियों के गठ्ठे लाने महिलाएं मजबूर हो गई है.

    खाद्य तेल की कीमतों में भारी उछाल

    वर्ष 2022 फरवरी माह के बाद गैस की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है. गैस के दाम प्रति सिलेंडर 50 रुपए से बढ़ गए है. इससे गृहिणियों का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.  

    अत्यावश्यक सामग्री भी हो गई महंगी

    इसके अलावा अत्यावश्यक सामग्री भी काफी महंगी हुई है, जिसमें हरी सब्जियों के साथ किराना सामग्री से लेकर खाद्य तेल की कीमतों में बेताहाशा वृद्धि हुई है. इस वजह से गरीब व सामान्य लोग विशेष कर ग्रामीण इलाकों के पूरी तरह से बैकफुट पर आने की कगार पर पहुंच गए है. बढ़ती हुई कमरतोड़ महंगाई और कामकाज का विशेष प्रबंधन न रहने से गरीब परिवारों के समक्ष जीवनयापन के लिए भी अनेकों समस्याएं निर्माण होने लगी है. इस कारण जनता में अब सरकार के प्रति बढ़ती हुई महंगाई ने रोष व्याप्त कर रहा है.