भंडारा. कोविड-19 के प्रादुर्भाव रोकने, कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने उपाय के तौर पर अलगीकरण, विलगीकरण केंद्र की स्थापना करना रोग के फैलाव को रोकने के साधन हैं. देश में लॉकडाउन के बाद सबसे प्रभावी उपाय के रूप में विलगीकरण, अलगीकरण केंद्रों को ही माना गया.
कोरोना से बचाव मरीजों का जितना भी उपचार किया गया, उसमें विलगीकरण, अलगीकरण दोनों केंद्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, ऐसे में क्वारंटाइन केंद्र परिसर के आसपास मुख्य सब्जी मंडी होना खतरनाक है. इसकी शिकायत व समस्या के बारे में शहर के नेहरू शाला परिसर के क्वारंटाइन केंद्र के नागरिकों ने विकास फाउंडेशन के कार्यालय में जाकर जानकारी दी.
तुमसर के नेहरू विद्यालय में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र के परिसर में नगर परिषद की ओर से शहर की मुख्य बस्ती में लगने वाली मुख्य सब्जी मंडी को हटा कर इस मैदान में लगाने के आदेश लॉकडाउन काल में दिए गए थे. जिस क्वारंटाइन केंद्र की शाला के मैदान में सब्जी बाजार लगता है, क्वारंटाइन केंद्र में कोविड-19 वाइरस सक्रंमित व्यक्ति से कोरोना का प्रसार और लोगों को भी हो सकता है, किंतु इस ओर न तो जिला प्रशासन का ध्यान है और न ही वहां से सब्जी खरीदने वालों का भी इस ओर ध्यान नहीं है. हाल ही में इसी क्वारंटाइन केंद्र में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की जानकारी जिला प्रशासन की ओर से दी गई थी.
विकास फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक चरण वाघमारे के मार्गदर्शन में जिला उपाध्यक्ष अनिल जीभकाटे, जिला महामंत्री ललित शुक्ला, शहर अध्यक्ष मेहताब सिंह ठाकुर, विद्यार्थी आघाड़ी के जिलाध्यक्ष पंकज राठौड, अनुसूचित जाति महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रीना माटे, शहराध्यक्ष महिला आघाड़ी सुलभा हटवार, अजय बडवाइक, नागेश धार्मिक, मोहित मेश्राम, सागर विसणे, लक्ष्मीकांत सलामे, गौरव नवरखेले, नावेद शेख, जफर कुरैशी, योगेश कापसे, हूकुमचंद साखरवाडा, हेमराज मेश्राम आदि विकास फाऊंडेशन के कार्यकताओं ने उक्त जानकारी दी.