गांधी सागर उद्यान के सामने वाली सड़क पर दलदल वाली भूमि पर लगाए जा रहे पेवर ब्लाक, जिला प्रशासन दे ध्यान

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    तुमसर. मॉयल के सी एस आर फंड के माध्यम से 7 वर्ष पूर्व गांधी सागर उद्यान का निर्माण कार्य कर न.प. को सौपा गया था. लेकिन पर्यवेक्षण के अभाव में उसकी हालत खस्ता हुई है. 

    उसी गार्डन के सामने की सीमेंटीकरण सड़क के दोनों बाजुओं में लगभग 25 लाख रु. के पेवर ब्लाक लगाने का कार्य शुरु किया गया है. लेकिन जिस स्थान पर पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं वह दलदल वाली जगह होने से काम शुरु करते ही पेवर ब्लाक नीचे धसते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

    इसकी जानकारी प्रभाग के नगरसेवक व पूर्व नगराध्यक्ष अमरनाथ रगडे को देने के बावजूद किसी प्रकार का सुधार नहीं किया गया है. इस ओर नगराध्यक्ष द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

    इससे ठेकेदार द्वारा जानबूझकर दलदल में पेवर ब्लाक लगाए जा रहे हैं अथवा नगरसेवक व नगराध्यक्ष ने काम करने के लिए बताया ऐसा सवाल मार्नीग वाक करने के लिए आने वाले नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. जिस स्थान पर पेवर ब्लाक लगाए जा रहे हैं वहां  80,60 एवं 40 की गिट्टी नहीं बिछाते हुए केवल मुरम बिछाकर रेत पर पेवर ब्लाक लगाने का कार्य जोरो से शुरु है. 

    इस कारण पेवर ब्लॉक लगाने के दूसरे दिन ही जमीन में धंसने लगे हैं. इस कार्य में भारी अनियमितता होते हुए दिखाए देने पर भी किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा आवाज बुलंद करने को तयार नहीं है. इससे यहां तेरी भी चूप, मेरी भी चूप, दोनो मिल बाटकर खायेंगे गुपचूप, ऐसी कहावत चरितार्थ दिखाई दे रही है. 

    यदि इस कार्य में सुधार नहीं लाया गया तो विधायक से इसकी शिकायत कर आगे की कार्रवाही के लिए अग्रसेर होंगे ऐसी चेतावनी मार्निग वाक करने वाले लोगों द्वारा दी गई है.

    शहर में राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों द्वारा स्वयं की वाहवाही लूटने के प्रयास में निवेदन देकर सबंधित कार्य उनके कारण हुए ऐसा प्रसार माध्यमो को बताते हैं. यदि काम नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी देकर ध्यान आकर्षित करते हैं. लेकिन गांधी सागर तालाब की हालत किसी भी राजनीतिक पार्टी को दिखाई नहीं दे रही है. 

    क्योंकि उस परिसर में कोई भी मतदाता निवास नहीं करते हैं. न.प. द्वारा शहर में पेवर ब्लॉक लगाने के लिए पैसे किये जा रहे तब तालाब की सफ़ाई के लिए क्यो नहीं ऐसा सवाल उठता है.