Fraud

भंडारा. कारधा की एकीकृत ग्रामीण सहकारी पत संस्था के संचालक मंडल ने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी कर 2 करोड़ 95 लाख 51424 रुपए की राशि हड़प ली. इस मामले में सहकारी समिति के ऑडिटर विनायक संभाजी पुडके की शिकायत पर भंडारा पुलिस ने पत संस्था के 11संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

कारधा में एकीकृत ग्रामीण सहकारी ऋण संस्था कार्य कर रही थी. इस क्रेडिट संस्था ने फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य रकम पर अच्छा ब्याज देने का लालच देकर कम समय में ही ग्राहकों का भरोसा जीत लिया था. इसलिए वित्तीय कारोबार भी अच्छा था. इस बीच पिछले दो साल से इस ऋण संस्था पर ताला लगा हुआ है. ग्राहक जमा राशि का भुगतान करने से बचा गया. इसलिए ग्राहक ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अदालत का दरवाजा खटखटाया.

तदनुसार, ऑडिट के दौरान पत संस्था में वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है. ऑडिटर विनायक पुडके ने 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2021 तक दो वित्तीय वर्षों की अवधि के लिए पत संस्था का ऑडिट किया. इस समय उन्हें संस्था में गिरवी रखे गए सोने की रकम, सावधि जमा राशि में घालमेल मिला. यह पता चला कि संस्था के सभी संचालकों ने अपने फायदे के लिए ग्राहकों के पैसे का दुरुपयोग किया और नकली सावधि जमा प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया.

खास बात यह है कि यह सभी संचालकों की मिलीभगत से किया गया है. ऑडिट रिपोर्ट में 2 करोड़ 95 लाख 51,424 रुपए का गबन और हेराफेरी करने के मामले में कारधा पुलिस ने धनराज टांगले (58), आनंदराव निंबार्ते (68), शिवशंकर बांते (66), रामभाऊ निंबार्ते (60), गौरीशंकर नेवारे (50), लीलाबाई गणवीर (66), अनुरता निम्बार्ते (60) सभी निवासी भीलेवाड़ा, जनाबाई भूरे (57) निवासी कारधा,घनश्याम मनोज दुरबुडे (40) और मनोज दुरबुडे (70) निवासी किसान चौक शुक्रवारी  ने यह गड़बड़ी की. इनके खिलाफ भादंवि की धारा 406, 409, 420, 465, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.