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    मुंबई: डिमॉनेटाइजेशन के दौरान पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने के एक मामले में महाराष्ट्र के शख्स को बॉम्बे हाईकोर्ट बड़ी राहत दी है। महाराष्ट्र के डोंबिवली में रहने वाले शख्स को राहत देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को उसके 1.6 लाख रुपये के पुराने नोटों को नए और वैध नोटों से बदलने का निर्देश दिया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने मंगलवार को किशोर सोहोनी नाम के शख्स की याचिका पर यह निर्देश दिया। 

    दरअसल, धोखाधड़ी के एक मामले में सोहोनी शिकायतकर्ता था और कल्याण मजिस्ट्रेट ने मार्च 2016 में आरोपी को स्थानीय रामनगर पुलिस स्टेशन में 1.6 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को डिमॉनेटाइजेशन की घोषणा की थी।

    रिपोर्ट के अनुसार, सोहोनी ने मजिस्ट्रेट से पुराने नोटों को बदलने के लिए 31 दिसंबर 2016 की समय सीमा से पहले पैसे इकट्ठा करने की अनुमति देने का आदेश पारित करने का अनुरोध करने के बावजूद इसे 20 मार्च 2017 को ही पारित किया। सोहोनी की याचिका में कहा गया था कि, उन्होंने पैसे जमा करने की जल्दबाजी नहीं की। उन्होंने इस मामले में RBI को भी लिखा था और फिर हाईकोर्ट का रुख किया था।

    रिपोर्ट में सोहोनी की वकील साधना सिंह के हवाले से कहा गया है कि, उनके मुवक्किल का मानना है कि, चूंकि नकदी पुलिस अधिकारियों के पास है इसलिए यह नोटबंदी से सुरक्षित है। आरबीआई की वकील अदिति फाटक ने वित्त मंत्रालय की 12 मई, 2017 की अधिसूचना का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि यदि जब्त किए गए निर्दिष्ट बैंक नोट अदालत द्वारा वापस कर दिए जाते हैं तो व्यक्ति अदालत के आदेश की प्रस्तुति पर उन्हें जमा करने या बदलने का हकदार है। यह देखते हुए कि जेएमएफसी के मार्च 2017 के आदेश में “आरबीआई को मौजूदा वैध निविदा के साथ विमुद्रीकृत मुद्रा को बदलने का निर्देश नहीं था।”