खामगांव. वापसी की भारी बारिश होने के दौरान तहसील के कई गांवों में भेड़ बकरियों की मौत होने की घटना घटी. जिसका प्राकृतिक आपदा निधि से मुआवजा देते वक्त सही लाभार्थिओं को नजरअंदाज कर अपात्र किसानों को

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खामगांव. वापसी की भारी बारिश होने के दौरान तहसील के कई गांवों में भेड़ बकरियों की मौत होने की घटना घटी. जिसका प्राकृतिक आपदा निधि से मुआवजा देते वक्त सही लाभार्थिओं को नजरअंदाज कर अपात्र किसानों को लाभ दिये जाने का आरोप कोंटी ग्रामीणों ने किया है. जिसमें भाजपा पदाधिकारी तथा तहसील अकाल निवारण समिति के अध्यक्ष शांताराम बोधे ने बनावटी लाभार्थी शामिल किए जाने के मामले में अपराध दर्ज करने की मांग की गयी है.

अपात्र ने उठाई मदद
इस संदर्भ में कोंटी ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में एक निवेदन सौंप कर की है. निवेदन में कहा गया है कि, खामगांव तहसील में 31 अक्टूबर व 12 नवंबर 2019 को भारी बारिश होने के कारण अल्प भूधारक किसानों की कई भेड़, बकरियों की मौत हुई. इस मामले में कोंटी गांव के 26 किसानों को करीबन साड़ेपांच लाख रुपयों की आर्थिक मदद सरकार की ओर से प्राकतिक आपदा निधि के रूप में दी गई. जिसका लाभ पात्र लाभार्थी न होते हुए भी शांताराम बोधे ने उठाया है.

जबकी बोधे की ओर 1 हेक्टेअर 28 आर और उनकी पत्नी के नाम पर 1 हेक्टेअर 61 आर खेती है. बोधे यह बहुभूधारक किसान होकर उनके पास कोई भेड़ बकरिया नहीं है. तो भी उन्होंने 84,000 रुपयों का अनुदान पाया है. साथ ही उनके भाई विजय बोधे ने भी प्राकृतिक आपदा निधि का 75 हजार रुपयों का लाभ उठाया है. इस मामले की जांच कर अपराध दर्ज करने की मांग निवेदन में की गई है.

आंदोलन की दी चेतावनी
इस मामले में कार्रवाई कर पात्र लाभार्थियों को न्याय नहीं मिलने पर आंदोलन करने की चेतावनी निवेदन में दी गई है. यह शिकायत तानाजी तमनर, सरूबाई खताल, रावा हाके, गंगुबाई गोयकर, बालू शिंगाडे, विनोद बिचकुले, सुनिल बिचकुले, धोंडुराम गव्हांदे, वंदना सुरलकर, जनार्दन शिंगाडे, श्याम खताल, पंजाब खताल आदि ने की है. निवेदन की कॉपी पूर्व विधायक दिलीप कुमार सानंदा को सौपी गयी.