Petition filed in Gujarat court regarding Mumbai-Ahmedabad bullet train project dismissed, court said this...
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    नयी दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार बदलने से बुलेट ट्रेन परियोजना में तेजी आ सकती है और रेलवे अधिकारियों को उम्मीद है कि राज्य के मुख्यमंत्री की मेज पर भूमि अधिग्रहण की अटकी पड़ी फाइल अब आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही, सुरंग बनाने के लिए एक पेट्रोल पंप को स्थानांतरित किया जाएगा और मुख्य जमीन के भुगतान का निपटारा किया जाएगा।

    मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई 508 किलोमीटर की है और इसे 1.1 ट्रिलियन रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात में इसके 12 स्टेशन होंगे। अधिकारियों ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 432 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन इसका क्रियान्वयन कर रही कंपनी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने अब तक 312 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण किया है और राज्य सरकार की अटकाने वाली नीति के कारण बाकी जमीन पाने में संघर्ष कर रही है।

    उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एनएचएसआरसीएल को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में भूमिगत टर्मिनस के निर्माण के लिए नवंबर 2019 में मंगाई गई निविदाओं को रद्द करना पड़ा क्योंकि राज्य सरकार कथित तौर पर बीकेसी में किए गए वादे के अनुरूप 4.88 हेक्टेयर भूमि को सौंपने में विफल रही थी।

    सूत्रों ने कहा कि राज्य ने ‘‘मुख्य जमीन” के लिए 3,500 करोड़ रुपये मांगे और इस धन को परियोजना के राज्य के हिस्से के 5000 करोड़ रुपये के इक्विटी योगदान के तहत समायोजित करने की मांग की।

    उन्होंने कहा कि एनएचएसआरसीएल ने निविदा जारी होने के बाद इस उम्मीद के साथ 11 बार इसका विस्तार किया कि राज्य सरकार जमीन मुहैया कराएगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है क्योंकि अगर हम भुगतान करने पर सहमत होते तो परियोजना की लागत काफी बढ़ जाती।”

    उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना का वित्तपोषण कर रही जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) परियोजना के दिन-प्रतिदिन के खर्च के लिए नहीं बल्कि सभी निर्माण, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग के लिए भुगतान कर रही है।”

    अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, बीकेसी स्थल पर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एक पेट्रोल पंप को वैकल्पिक स्थल दिए जाने के बावजूद स्थानांतरित नहीं किया गया है। एक अन्य अवरोध विखरोली में लगभग 3.92 हेक्टेयर भूमि का छोटा हिस्सा है, जो ठाणे और विरार के बीच 21 किलोमीटर की सुरंग के लिए आवश्यक है।

    सूत्रों ने बताया कि जमीन नहीं मिलने के कारण सुरंग निर्माण की निविदा भी रद्द कर दी गई। इन मुद्दों के सुलझ नहीं पाने के कारण रेलवे ने महाराष्ट्र खंड पर काम करने की उम्मीद छोड़ दी थी और 2026 तक गुजरात में सूरत और बिलिमोरा के बीच 48 किलोमीटर के हिस्से को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया।

    एक अधिकारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में आवश्यक भूमि प्राप्त करना लगभग असंभव होता जा रहा था जबकि 100 प्रतिशत निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है, अन्य भूमि खंड महत्वपूर्ण हैं। उनके बिना हम परियोजना को पूरा नहीं कर सकते। इस बदलाव के साथ, चीजें बेहतर होने की उम्मीद है।”

    ऐसा लगता है कि चीजें आगे बढ़ने लगी हैं। नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पिछली सरकार के आरे में मेट्रो 3 कार शेड के निर्माण पर रोक लगाने और इसे 102 एकड़ के कांजुरमार्ग प्लॉट में स्थानांतरित करने के फैसले को पलट दिया। इस वजह से बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए उम्मीदें बढ़ गई हैं। (एजेंसी)