vijay Wadettivar

    Loading

    • किसान आर्थिक संकट में भारी बारिश के कारण उत्पादन घटा

    चंद्रपुर. विदर्भ के धान उत्पादक जिले को इस वर्ष भारी बारिश का सामना करना पडा. और इससे लाखों हेक्टेयर कृषि में धान की फसल नष्ट हो गई है. ऐसे अकाल परिस्थिति में धान उत्पादक जिले के किसानों को शासन ने किमान 500 रूपए प्रतिक्विंटल बोनस नागपुर शीतकालिन अधिवेशन में पहले दिन घोषित करने की मांग प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस नेता विधायक  विजय वडेट्टीवार ने की है. 

    पुर्व विदर्भ के नागपुर, चंद्रपुर, गडचिरेाली, भंडारा, गोंदिया यह प्रमुख धान उत्पादक जिले हैं. इसी प्रकार इस वर्ष अतिवृष्टि से उपरोक्त जिले के धान किसानों को भारी नुकसान हुआ है तथा लाखों हेक्टेयर में धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है. मौसम पूर्व नियोजन, कृषि फसल की खेती और श्रम लागत को ध्यान में रखते हुए, आय का आधा हिस्सा भी किसानों के हाथ में नहीं पहुंचा. राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी पूर्वी विदर्भ के चंद्रपुर जिले से हैं और वे चंद्रपुर जिले में अकाल की स्थिति से वाकिफ हैं.

    हालांकि, भारी बारिश की भरपाई के लिए सरकार की ओर से की जाने वाली मदद बहुत कम और पूर्वी विदर्भ के सभी पांच जिलों में बैंक ऋणदाताओं और हाथ ऋण के कारण बलीराजाओं की कमर टूट गई है और यहां के किसान निराशा में हैं. तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने किसानों को 700 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया था. इस साल स्थिति और भी गंभीर हो गई है और पैसे के अभाव में किसान आगामी सीजन में खेती का व्यवसाय कैसे कर पाएंगे? इतना मुश्किल सवाल किसानों के सामने खड़ा है. देश के गरीब लोग जो इस तरह के आर्थिक संकट में हैं. उन्हें मदद की सख्त जरूरत है. 

    उन्होने मांग की है कि नागपुर में 19 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पहले दिन और पहले सत्र में पूर्वी विदर्भ के सभी पांच जिलों में किसानों को कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की जाए ऐसी मांग राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस नेता विधायक विजय वडेट्टीवार ने की है.