मूल. पिछले 3 माह से कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जुटे प्रशासन के सामने अब नया सिरदर्द सामने आया है. रेड जोन से आने के बाद कुछ पालक अपने बच्चों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने में आनाकानी कर रहे हैं. जिसके कारण उन्हें होम क्वारंटाइन करना पड़ रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.
चोरी-छिपे रात में आ रहे
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और प्रतिबंध के लिए मूल तहसील प्रशासन रात-दिन प्रयासरत है. प्रशासन बाहर से आने वालों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की सलाह दे रहे हैं. किंतु रेड जोन से आने वाली छात्राएं और उनके अभिभावक चोरी-छिपे रात में प्रवेश कर रहे हैं. इससे मूल प्रशासन का सिरदर्द बढ़ रहा है. दूसरे राज्यों व जिलों में फंसे प्रवासी मजदूर, विद्यार्थियों को उनके गृहग्राम, जिले में पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं.
इसके बाद बाहर गांव शिक्षा के लिए गए विद्यार्थी अपन गृहग्राम लौटने लगे हैं. कई विद्यार्थी रेड जोन घोषित मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नांदेड़, अमरावती, यवतमाल जिलों से आ रहे हैं. यहां से आने वालों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन करना जरूरी है. इसकी जिम्मेदारी माता, पिता, अभिभावकों की है. अन्यथा उनके परिवार व आसपास रहने वालों के खतरा है. पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार और जिलाधीश डा. कुणाल खेमनार ने इस संबंध में कड़े आदेश दिए हैं. प्रशासन ने कर्मवीर महाविद्यालय में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर तैयार किया है. बाहर से आने वालों को यहां पंजीयन कराने की अपील की गई है. किंतु पालकों की ओर से इस उचित प्रतिसाद नहीं दिया जा रहा है.