District Central Cooperative Bank chandrapur

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  • आडिट रिपोर्ट में सामने आयी अनियमिता

चंद्रपुर. ऑडिट रिपोर्ट में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में 2016 से 2019 तक तीन साल में 3 करोड़ 16 लाख 55 हजार रुपए की अनियमितता सामने आई.  इस मामले में बैंक के पूर्व व विद्यमान अध्यक्ष समेत 27 निदेशक और 6 पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की गई है.

इन सभी को लिखित बयान जिला उपपंजीयक सहकारी समिति चंद्रपुर कार्यालय में जमा करने का नोटिस जारी किया गया है. जैसा कि नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि निर्धारित अवधि में लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त वसूली योग्य राशि को स्वीकार्य मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी, इसलिए बैंक के निदेशक मंडल और अधिकारीयों में खलबली मची हुवी है. 

अनुकम्पा नोकर भरती में जिला कारागार में बंद रहे बैंक के पूर्व अध्यक्ष मनोहर पाऊणकर के कार्यकाल के व्यवहार का सरकारी आडीट के आदेश 24 जून 2022 को तत्कालीन संभागीय रजिस्ट्रार प्रवीण वानखेड़े ने दिए थे. जिला विशेष लेखा परीक्षक एस. गोडे ने ऑडिट कराकर रिपोर्ट संभागीय संयुक्त पंजीयकों को सौंपी. इस रिपोर्ट में कई गंभीर मुद्दे पाए गए हैं. सुरक्षा गार्ड आपूर्ति, सिंदेवाही बैंक शाखा निर्माण, गोंडपिंपरी बैंक शौचालय निर्माण, नेरी शाखा सुरक्षा दीवार निर्माण, राजुरा शाखा सुरक्षा दीवार निर्माण, चंदनखेड़ा भवन निर्माण, चंदनखेड़ा बैंक शाखा विद्युत कार्य, चिमूर शाखा निर्माण एवं मरम्मत, चिमूर शाखा अतिरिक्त निर्माण, शेगांव शाखा शौचालय निर्माण ऐसे कुल 19 निर्माण कार्यों के ऑडिट में अनियमितताएं पाई गई हैं. 

इसमें मुख्य रूप से सुरक्षा गार्ड का ठेका रक्षक सुरक्षा सर्विसेस को दिया गया. बैंक के पास हर महीने विभिन्न शाखाओं में 93 सुरक्षा गार्ड की आपूर्ति करने का अनुबंध था. हालांकि, 2017 से 2019 के बीच 550 अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए थे. बैंक द्वारा ठेकेदार को 57 लाख 90 हजार 390 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया. वहीं रक्षक सुरक्षा को बिना टेंडर के सशस्त्र सुरक्षा गार्ड का ठेका बिना टेंडर के दिया गया. तीन साल में बैंक में 135 अतिरिक्त सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए. उसके लिए 21 लाख 94 हजार 591 रुपए को व्यर्थ में उड़ाए गए. सुरक्षा गार्ड और सशस्त्र सुरक्षा गार्ड के लिए 79 लाख 84 हजार 981 रुपये अतिरिक्त भुगतान किया गया. 

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक द्वारा नए भवनों का निर्माण किया गया. इसके लिए ठेकेदार को एक करोड़ 91 लाख 59 हजार 53 रुपये का भुगतान किया गया. चंद्रपुर शहर में बैंक के मुख्यालय के जीर्णोद्धार पर अतिरिक्त पैसा खर्च किया गया. ठेकेदारों को एक करोड़ 17 लाख 11 हजार 409 रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया. इन सभी कार्यों को निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था. इसलिए अब जिला उप पंजीयक ने बैंक के पूर्व अध्यक्ष व 27 निदेशकों व छह पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की है.

दिलचस्प बात यह है कि इन सभी निदेशक मंडल को 11 अप्रैल को दोपहर 12 बजे जिला उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त राशि वसूली योग्य मानते हुए यदि जिला पंजीयक संबंधित निदेशक एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो यह राशि निदेशक मंडल एवं अधिकारियों से वसूल की जायेगी ऐसा भी पत्र में कहा गया है.