सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प में विभिन्न उपाय योजनाएं

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– वनसंरक्षक सत्यजीत गुजर ने दी जानकारी

कोल्हापुर. सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प के तहत चांदोली राष्ट्रीय उद्यान तथा कोयना अभयारण्य का समावेश होता है. इन दोनों ही क्षेत्रों में आने वाले गांवों के नागरिकों और वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने की दृष्टि से विभिन्न तरह की उपाय योजनाएं की गई है. सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प के के वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक सत्यजीत गुजर ने इस संदर्भ में जानकारी दी गई है.

अनाज के पैकेटों समेत सैनिटाइजर, मास्क का वितरण 

वनविभाग कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा है कि सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प का गाभा क्षेत्र 600 स्क्वेयर किलोमीटर तथा झालर क्षेत्र 565 स्क्वेयर किलोमीटर का आता है. गाभा क्षेत्र में 7 गांव तथा झालर क्षेत्र में 84 गांव आते है. इस समय कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए व्याघ्र प्रकल्प के चांदोली, हेलवाक, ढेबेवाड़ी, कोयना, बामणोली वनपरिक्षेत्र में काम करने वाले वन मजदूर, कर्मचारी और गाईड सभी को 477 मास्क, 64 सैनिटाइजर, 31 हैण्डवाॅश और 387 साबुन बांटे गए. इसके अलावा बफर क्षेत्र के अभयारण्य में रहने वाले करीब 450 से अधिक परिवारों को अनाज के पैकेटों समेत सैनिटाइजर, मास्क का वितरण किया गया.

कोरोना के संदर्भ में सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प के सभी गांवों में कोरोना के संदर्भ में जनजागृति की गई. कोरोना से किस तरह बचा जाए और उसके लक्षण क्या है, इसके संदर्भ में बताया गया. सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प में मौजूद अभयारण्यों में प्रतिदिन 210 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, जिससे दो महिनों में 12 हजार 600 मनुष्य दिवस रोजगार की निर्मिती हुई. साथ ही वनसंरक्षक उपाय योजनाएं भी यहां की जा रही है, ऐसी जानकारी सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प कोल्हापुर के वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक सत्यजीत गुजर ने दी.