ठाकरे सरकार ने दिया जनता को बड़ा झटका, बिजली बिल माफ़ करने के वादे पर लिया यू-टर्न

  • केंद्र पर फोड़ा ठीकरा

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राज्य में 69 प्रतिशत बिजली बिल की वसूली पूरी हो गई है. इसकी वजह से सहूलियत देने का सब्जेक्ट खत्म हो गया है. महावितरण 69 हजार करोड़ रुपए के घाटे में है. अब हम कर्ज नहीं ले सकते हैं.

मुंबई. महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विद्युत ग्राहकों को बढ़े हुए बिजली बिल (Electric Bill) को लेकर बड़ा झटका दिया है. बढ़े हुए बिजली बिल के संदर्भ में ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने यू-टर्न ले लिया है. मंगलवार को ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (Energy Minister Nitin Raut) ने कहा है कि, “मीटर रीडिंग के आधार पर ही ग्राहकों को बिल भरना होगा. पूरा बिल एक साथ भरने वालों को सहूलियत दी जा रही है.” महावितरण ने दो दिन पहले ही बिल वसूल करने को लेकर परिपत्र जारी किया था.

सरकार की तरफ से कहा गया है कि, “जिस तरह बिजली का उपयोग करने वाले ग्राहक हैं, उसी तरह महावितरण भी ग्राहक है.” महावितरण को बाहर से बिजली खरीदनी पड़ती है और विभिन्न तरह का शुल्क भी देना होता है. यही नहीं ऊर्जा मंत्री ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने का प्रयास किया है. 

केंद्र सरकार ने सहायता नहीं की

ऊर्जा मंत्री राउत ने कहा कि, “विद्युत ग्राहकों को राहत देने के लिए हमने भरपूर प्रयास किया, लेकिन केंद्र सरकार ने इसमें सहायता नहीं की. 69 प्रतिशत बिजली बिल की वसूली पूरी हो गई है. इसकी वजह से सहूलियत देने का सब्जेक्ट खत्म हो गया है. महावितरण 69 हजार करोड़ रुपए के घाटे में है. अब हम कर्ज नहीं ले सकते हैं.”

मनमाना बिल भेजा था

लाकडाउन के समय ग्राहकों को महावितरण सहित अन्य विद्युत आपूर्ति करने वाली कंपनियों ने मनमाना बिल भेजा था. बिजली बिल में राहत को लेकर मनसे और भाजपा ने आंदोलन किया था. ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने 2 नवंबर को दावा किया था कि दिवाली के पहले बिजली बिल में राहत का निर्णय ले लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि इस संदर्भ में  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सकारात्मक है. अब उर्जा मंत्री ने बिजली ग्राहकों को चटका दिया है.