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गडचिरोली. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने सत्ता का दुरूपयोग कर गडचिरोली कृषि उपज मंडी समिति का चुनाव निर्णय अधिकारियों को हाथ में लेकर जीता है. जिससे इस चुनाव में गडबडी होकर हमारे साथ अन्याय हुआ है. जिससे  यह चुनाव दोबारा ले, ऐसी मांग लेबर पार्टी द्वारा प्रायोजित किसान विकास पैनल ने की है. चुनाव परिणाम आने के बाद किसान कामगार पार्टी के नेता रामदास जराते की उपस्थिती में प्रत्याशियों ने संवाददाता सम्मेलन में लिया. जिसमें वह बोल रहे थे.

इस समय कहां गया कि, 32 प्रत्याशियों ने खुद या पार्टी के माध्यम से नामांकन पत्र नहीं खरीदे हैं. इस पर आपत्ति जताने के बावजूद उक्त आवेदन को दुर्भावना से मान्य किया गया. हालांकि, तुकाराम गेडाम, देवेंद्र भोयर, निशा अयातुलवार ने सबूत पेश किए कि, वे किसान हैं, उनका आवेदन अमान्य कर दिया गया. न्यायालय में न जा पाए, इसलिये अपिल पर फैसला देरी से सुनाया गया.  चुनाव निर्णय अधिकारियों द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने वालों की जानकारी भी शामिल नहीं की गई थी.

अंतिम दिन मतदान केंद्र और कौन कहां मतदान करेगा, इसकी जानकारी भी दी गई. वहीं  प्रचार करेन में बाधा पहुचाने का आरोप इस समय लगाया गया. चुनाव से पहले अघाड़ी के कार्यकर्ताओं द्वारा सैकड़ों मतदाताओं को चांदाला स्थित आश्रम विद्यालय में बंद कर दिये जाने और पुलिस में शिकायत किये जाने की जानकारी सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. मतगणना के समय सेवा सहकारी समूह की तीन मतपेटियों में से दो मतपेटियों के ताले पर प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर नहीं लगे थे.

इस संपूर्ण मामले में चुनाव निर्णय अधिकारी एस.डी. देवरे व उनके सहयोगी चुनाव निर्णय अधिकारी दिलीप बंसोड़ जिम्मेदार है. मामले की राज्य सहकारिता चुनाव प्राधिकरण में शिकायत की जाएगी, ऐसी बात कही गई. संवाददाता सम्मेलन में  किसान मजदूर पार्टी के नेता रामदास जराते, शामसुंदर उराडे, जयश्री वेलदा, अक्षय कोसनकर, तुकाराम गेडाम, कैलास शर्मा, प्रत्याशी चंद्रकांत भोयर, योगाजी चापले, नितिन मेश्राम, श्रीकृष्ण नैताम, तुलसीदास भैसारे, भास्कर ठाकरे, सुजाता रायपुरे, देवेंद्र भोयर, रेवनाथ मेश्राम, विनोद मेश्राम उपस्थित थे.