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  • 2018 से जिले में 997 कैंसर मरीजों का पंजीयन 
  • मुंह और स्तन कैंसरग्रस्त मरीज अधिक

गड़चिरोली. कैंसर के सर्वाधिक मरीज वाला भारत यह एशिया का दूसरा देश के रूप में पहचाना जाता है. महाराष्ट्र राज्य में भी कैंसर मरीज का प्रमाण अधिक है. ऐसे में राज्य के आखिरी छोर पर बसा आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में भी कैंसर के मरीज हैं. वर्ष 2018 से दिसंबर 2023 इन पांच वर्षो की कालावधि में जिले में 997 कैंसर से ग्रस्त मरीजों का पंजीयन किया गया है. इन पांच वर्षो में जिले में 99 लोगों की मृत्यु हुई है. जिसमें तंबाकू व स्तन के कैंसरग्रस्तों का सर्वाधिक समावेश है.

तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थ सेवन का प्रमाण जिले में बड़े पैमाने पर है. तंबाकूजन्य पदार्थ का लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर का खतरा 90 फीसदी होता है. इसी तरह तंबाकू समेत विभिन्न मार्ग से कैंसर होकर पिछले 5 वर्षो में जिले में 99 लोगों की मृत्यु हुई है. इसमें मुंह समेत स्तन के कैंसरग्रस्त मरीजों का प्रमाण अधिक है. जिले में जिला अस्पताल द्वारा एनसीडी विभाग में कैंसर मरीजों को भर्ती कराया जाता है. जिले में अब तक सैकड़ों मरीजों का उपचार किया गया. विशेषत: गंभीर कैंसर मरीजों पर कीमोथेरपी द्वारा उपचार किया जाता है. जिला शल्य चिकित्सक डा. प्रमोद खंडाते के मार्गदर्शन में  एनसीडी विभाग द्वारा कैंसरग्रस्त मरीजों पर उपचार करने का कार्य शुरू है.

कैन्सरग्रस्त मरीजों की संख्या समेत मृत्यु की संख्या 

प्रकार रुग्ण संख्या मृत्यू
मुंह का कैंसर 476 34
स्तन का कैंसर 176 37
गर्भाशय कैंसर 151 02
अन्य कैंसर मरीज 194 26
कुल 997 99

5 वर्षो में 574 मरीजों का उपचार 

गड़चिरोली जिले में जिला अस्पताल द्वारा वर्ष 2018 से अब तक कुल 574 कैंसर मरीजों का उपचार किया गया है. अस्पताल के एनसीडी विभाग की टीम द्वारा मरीजों पर उपचार कर इस टीम द्वारा संबंधित मरीजों को घरपोच सेवा देना निरंतर रूप से जारी है. 

उपचार के लिये कीमोथेरेपी का उपयोग

कैंसर मरीजों पर उपचार के लिये के कीमोथेरपी का उपयोग किया जाता है. इंजेक्शन, दवा के माध्यम से संबंधित मरीजों पर उपचार किया जाता है. उक्त औषधोपचार द्वारा मरीजों के ट्यूमर पेशी नष्ट किये जाते है. कैंसर मरीजों के लिये ‘पैलेटिव केअर’ की संकल्पना रखी गयी है. कैंसर के मरीजों का दर्द कम करने की दृष्टि से पैलेटिव केअर बाह्यरुग्ण सेवा महत्वपूर्ण साबित हुई है.

माह में एक बार जांच करें

हमेशा तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति माह में एक बार स्वास्थ्य जांच करें. इसके अलावा पानी से कुल्ला करें, मुंह में कोई भी असामान्य सफेद अथवा लाल दाग, व्रण अथवा सूजन है या नहीं इसका निरीक्षण करें. ऐसे किसी किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर ऊंगली से स्पर्श करें. साथ ही माह में एक बार अस्पताल में जांच अपनी स्वास्थ्य जांच करना आवश्यक है. 

तंबाकू व धूम्रपान से जिले में कैंसर के मरीज बढ़ रहे है. कैंसर की बीमारी से मरीजों को वित्तीय, मानसिक रूप से त्रस्त होना पड़ रहा है. साथ ही इस बीमारी के ग्रस्त परिवार प्रमुख की मृत्यु होने पर अनेक परिवार उजड़ रहे है. जिससे तंबाकूजन्य पदार्थ का सेवन टाले.

-डा. प्रमोद खंडाते, जिला शल्य चिकित्सक