लोगों की प्यास बुझानेवाले कर्मी वेतन से वंचित, हैंडपंप यांत्रिकी कर्मचारी वित्तीय संकट में

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    आरमोरी. जिला परिषद के ग्रामीण जलापुर्ति विभाग में हैन्डपंप यांत्रिकी, हैन्डपंप देखभाल व दुरूस्ती कर्मचारी, ठेका वाहन चालक व ट्रायसेम कर्मचारियों का समावेश है. इस विभाग में हैन्डपंप यांत्रिकी तथा ट्रायसेम कर्मचारियों के भरोसे पर यह योजना पिछले अनेक वर्षो से चलाई जा रही है. लेकिन दुसरी ओर पिछले तीन माह से हैन्ड़पंप यांत्रिकी, ट्रायसेम कर्मचारी व वाहन चालकों को वेतन व भत्ता नहीं मिला है. जिसके कारण संबंधित कर्मचारी व उनके परिवारों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है. वहीं संबंधित कर्मचारियंों ने जिला परिषद प्रशासन से गुहार लगाते हुए बकाया वेतन व भत्ता देने की मांग की है. 

    सभी पंस स्तर पर कार्यरत है कर्मी  

    गड़चिरोली जिले में ग्रामीण जलापुर्ति विभाग अंतर्गत जिले की सभी पंचायत समिति कार्यालय अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के हैन्डपंप की देखभाल व दुरूस्ती करने के लिये हैन्डपंप यांत्रिकी और वाहन चालकों की नियुक्ति की गई है.

    अतिदुर्गम क्षेत्र के हैन्डंपप दुरूस्ती करनेवाले इन यांत्रिकी कर्मचारियों को छह-छह माह तक वेतन नहीं मिलता है. जिससे उनके परिवारों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ती है. लेकिन इस कर्मचारियों का बकाया वेतन देने के लिये संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित अनदेखी की जा रही है. जिसके कारण कर्मचारियों को  अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

    वसूली होने के बाद भी वेतन नहीं 

    हैन्डपंप व बिजलीपंप देखभाल दूरूस्ती के लिये ग्रापं स्तर पर टैक्स वसूला जाता है. वहीं टैक्स की रकम पंचायत समिति के माध्यम से जिला परिषद को भिजवायी जाती है. जनवरी 2022 तक 80 फिसदी वसूली होने के बावजूद भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है. हैन्डपंप देखभाल व दुरूस्ती करनेवाले कर्मचारियों का वेतन नवंबर 2021 से बकाया है. ट्रायसेम कर्मी व ठेका वाहनचालकों का वेतन भी नवंबर माह से नहीं होने की जानकारी मिली है. 

    बगैर वेतन के काम करने कर्मी मजबूर 

    वर्तमान स्थिति में शीतकाल शुरू होकर आनेवाले दिनों में ग्रीष्मकाल शुरू होनेवाला है. ग्रीष्मकाल के दिनों में जिले के विभिन्न हिस्सों में पानी की किल्लत निर्माण होती है. ऐसे स्थिति में संबंधित कर्मचारी महत्वपूर्ण भुमिका अदा करते हुए लोगों को प्यास बुझाते है. लेकिन संबंधित कर्मचारियों पर विभाग द्वारा अन्याय किया जा रहा है. जिसके कारण कर्मचारियों को बगैर वेतन के ही काम करने की नौबत आन पड़ी है. जिला परिषद प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर संबंधित कर्मचारियों का वेतन तत्काल दे, ऐसी मांग की जा रही है.