देसाईगंज. महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में किसानों के कृषिपंपो को 24 घंटे निशुल्क बिजली आपूर्ति करने की मांग करनेवाले किसानों के कृषिपो को 24 घंटे निशुल्क बिजली आपूर्ति करने की मांग करनेवाले तत्कालीन विरोधी पक्ष नेते देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में स्थानीय विधायकों ने सरकारी कर्मचारियों को मजबूर किया जा रहा था. किंतु सत्ता में आते ही स्थानीय विधायक अपने शब्द भुल जाने से इसके खिलाफ तहसील के आक्रोशित किसानों ने आज शुक्रवार को कृषिपंप को 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने की मुख्य मांग को लेकर महावितरण कार्यालय पर दस्तक देते हुए चक्काजाम आंदोलन किया.
उद्योग विरहित गड़चिरोली जिले में बिजली का अल्प उपयोग शुरू है. ऐसे में उपलब्ध सिंचाई सुविधा के भरोसे किसानों ने रब्बी धान, सब्जी, मक्का फसलों की बुआई की. किंतु कृषिपंप को केवल 8 घंटे ही होती बिजली आपूर्ति के कारण रब्बी फसलों को व्यापक फटका लगा. जिससे किसानों ने शंकरपुर के बिजली कार्यालय पर घेराव करते हुए जेलभरो आंदोलन करते ही 12 घंटे बिजली आपूर्ति शुरू करने का परिपत्रक निकालकर अंमल शुरू किया गया. किंतु बिजली आपूर्ति खंडीत स्वरूप में शुरू होने से निरंतर लोडशेडिंग के कारण कम दबाव का बिजली पट्टा तैयार अनेक किसानों के कृषिपंप जलने के मामले हो रहे है.
जिससे फसलों को आवश्यक पानी देना संभव नहीं होने से फसल सुखने के कगार पर आयी थी. ऐसे में महावितरण ने किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के नाम पर सालभर का बिजली बील का भुगतान न करने का कारण बताकर बिजली आपूर्ति खंडीत करने की मुहिम शुरू की थी. जिससे संतप्त हुए किसानों ने छगन शेडमाके के नेतृत्व में आज शुक्रवार को देसाईगंज महावितरण कार्यालय पर दस्तक दी गई. इस दौरान चक्काजाम आंदोलन भी किया गया.
इस समय सरकार के खिलाफ जोरदार घोषणाबाजी करते हुए 24 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग की गई. इस समय विभिन्न मांगो का ज्ञापन उपकार्यकारी अभियंता सारवे के मार्फत मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भेजा गया है. आंदोलन में नंदू नरोटे, मनोहर निमजे, पिंकु बावणे, लिलाधर भर्रे, विलास बन्सोड, मनोज ढोरे, विलास ढोरे, अभय बुद्धे, सदानंद दोनाडकर, गोपाल दिघोरे, जयमाला पेंदाम, समिता नंदेश्वर, पद्मा कोडापे, पुष्पा कोहपरे, महेश भरणे, जगदीश शेंद्रे, जग्गी परसवाणी, आनंदराव वाढई आदि समेत तहसील के किसान सहभागी हुए थे.
इन मांगो का समावेश
तेलंगाना राज्य के तर्ज पर जिले के किसानों को भी 24 घंटे निशुल्क बिजली व पानी आपूर्ति करे, बिजली बील मीटर रिडींग के अनुसार दे, बिजली कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहना अनिवार्य करे, घरेलू बिजली बील कम करे, बंद मीटर तत्काल बदले आदि मांगो को लेकर छगन शेडमाके के नेतृत्व में तहसील के किसानों ने उक्त आंदोलन किया था.
1 घंटे यातायात रही ठप्प
इस दौरान शिंदे-फडणवीस सरकार का निषेध करते हुए चक्काजाम आंदोलन किया गया. किसानों के रौद्र स्वरूप के कारण करीबन 1 घंटे यातायात ठप्प हुई थी. इस दौरान मुख्य मार्ग पर वाहनों की कतारे लग गई थी. किसानों के आंदोलन के मद्देनजर स्थानीय पुलिस ने कडा पुलिस बंदोबस्त रखा हुआ था. अनुचित घटना न हो, इसलिए मध्यस्थता करते हुए यातायात सेवा सुचारू की.