गड़चिरोली. चिमुर-गड़चिरोली लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ है. क्षेत्र में भाजपा की सर्वाधिक ताकत है. लोस चुनाव की तैयारी की दृष्टि से भाजपा पदाधिकारियों ने कड़ी मेहनत की है. जिससे गड़चिरोली- चिमुर लोकसभा की सीट महायुति के मित्रदल को न देते हुए भाजपा ही लड़ें ऐसी मांग भाजपा के पदाधिकारियों ने मंगलवार 19 मार्च को आयेाजित पत्रपरिषद में की. इससे टिकट को लेकर महायुति के कार्यकर्ताओं में मतभेद सामने आया है.
पदाधिकारियों ने परिषद में बताया कि वर्ष 2009 में तत्कालीन चंद्रपुर व चिमुर इस 3 लोकसभा क्षेत्र का विभाजन कर गड़चिरोली-चिमुर यह स्वतंत्र लोकसभा मतदाता संघ निर्माण किया गया. चंद्रपुर से हंसराज अहीर, तो चिमुर से महादेवराव शिवणकर तथा नामदेवराव दिवटे अनेक बार भाजपा के तिकट पर चुनकर आए. गड़चिरोली-चिमुर लोकसभा इस नए मतदाता संघ से अशोक नेते 2 बार चुनकर आए. यह लोस क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है.
ऐसी स्थिति में गड़चिरोली-चिमुर लोस सीट मित्रदल को देकर भाजपा की ताकत कम करने जैसा है. जिससे भाजपा के किसी भी कार्यकर्ताओं को टिकट दें, लेकिन मित्रदल के लिए गड़चिरोली की सीट न छोड़ें ऐसी मांग भाजपा कार्यकर्ताओं ने की. इस दौरन किसान मोर्चा के प्रदेश सदस्य रमेश भुरसे, डा. श्याम हटवादे, रमेश बारसागडे, आशीष कोडापे के साथ भाजपा के तहसीलस्तरीय पदाधिकारी व कार्येकर्ता उपस्थित थे.