गड़चिरोली. अपने विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर राज्य सरकारी, गैरसरकारी, शिक्षक-शिक्षकेत्तर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी समन्वय समिति गड़चिरोली ने 23 व 24 फरवरी को दिवसीय राज्यव्यापी लाक्षणिक हड़ताल छेड़ी है. इस संदर्भ का ज्ञापन अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा मरा जिप कर्मचारी महासंघ के राज्यध्यक्ष उमेशचंद्र चिलबुले के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पेश किया गया है.
गत 2 वर्ष का सरकार का प्राधान्य कोरोना प्रकोप रोकने के लिए ही था. जिससे इस कालावधि में कर्मचारी-शिक्षक संगठन ने किसी भी आक्रमकता न दिखाते हुए सरकार को 100 प्रश सहयोग किया. जिससे राज्य की एकंदरीत परिस्थिती सुधारता होनेवाले कालावधि में राज्य सरकार ने कर्मचारी-शिक्षकों की प्रलंबित मांगों का सकारात्मक विचार करना आवश्यक है. नई अंशदायी पेन्शन निती राज्य में 2005 से लागू की गई. यह पेन्शन योजना कर्मचारियों के लिए अन्यायकारक है.
जिससे पुरानी पेन्शन योजना सभी को लागू करे, ठेका व विभिन्न योजना अंतर्गत कर्मचारियों को किमान वेतन देकर उनकी सेवा नियमित करे आदि मांगे ज्ञापन से की गई है. सरकार ने यह मांगे मंजूर करने संदर्भ की कार्यवाही पूर्ण करे, ऐसी राज्य के 17 लाख कर्मचारी शिक्षकों की आंस है, ऐसा संगठन ने ज्ञापन में कहा है.
जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के जिलाध्यक्ष सुनील चडगुलवार, सरचिटणीस भास्कर मेश्राम, मरा जिप कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष रतन शेंडे, सरचिटणीस दुधराम रोहनकर, राज्य सरकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के सचिव किशोर सोनटक्के, जिप चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष गजानन ठाकरे, सचिव राजू रेचनकार, जिप लिपीक वर्गीय संगठन के मुख्यालयीन शाखा के अध्यक्ष धनंजय दुमपट्टीवार, सचिन मांडवगडे, सारंग गायकवाड, आशिष सोरते उपस्थित थे.