वैद्यकीय महाविद्यालय का ख्वाब जल्द होगा पूर्ण! किरण पांडव ने मुख्यमंत्री शिंदे की ली भेट

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    गड़चिरोली. स्थानीय सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय को तत्कालीन पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रयासों से मान्यता मिली है. अब यह सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय का ख्वाब जल्द ही पूर्ण होनेवाला है. ऐसी जानकारी किरण पांडव ने दी है. 

    राज्य के मुख्यमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे विराजमान हुए है. किरण पांडव ने हाल ही में उनसे मुलाकात की. इस समय जिले के विभिन्न समस्याओं के साथ सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय के संदर्भ में  भी चर्चा की गई. सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय के लिए आवश्यक सुविधा व बेड संख्या पूर्ण करेन के लिए एकनाथ शिंदे जिले के पालकमंत्री रहते समय सरकारी महिला व बाल अस्पताल को 100 बेड वृद्धि के कार्य को मंजूरी दी है. इस कार्य को शुरूआत हुई है.

    जिससे आगामी समय में आवश्यक बेड की संख्या पूर्ण हो रही है. जिससे राज्य सरकार की ओर तैयार होनेवाला प्रस्ताव आगामी मान्यता के लिए भेजा जानेवाला है. उक्त सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय को एकनाथ शिंदे के प्रयास से वैद्यकीय शिक्षा मंत्री डा. अमित देशमुख ने तत्काल मान्यता दी हे. आगामी समय में उक्त प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से मंजूर कर स्वास्थ्य विश्वविद्यालय नाशिक के अनुमति के बाद केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर अनुमति के लिए भेजा जाता है. इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली की भी अनुमति आवश्यक होती हे. इस संपूर्ण प्रक्रिया को समय लगनेवाला है.

    गड़चिरोली में एकनाथ शिंदे द्वारा आश्वासन दिए गए सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद राज्य सरकार की ओर से निश्चित ही घोषित किया जानेवाला है. पालकमंत्री पद के कार्यकाल में एकनाथ शिंदे इनका गड़चिरोली में सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय शुरू करने का प्रयास था. अब वे मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए है. जिले के सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय का ख्वाब जल्द ही पूर्ण होनेवाला है. ऐसी जानकारी किरण पांडव ने दी है. 

    प्रलंबित कार्य पूर्ण करे 

    गड़चिरोली जिले की अनेक समस्या निधि के अभाव में नहीं छूटी है. गड़चिरोली का नगरउधाण, रेलवे मार्ग, तालाब सौंदर्यकरण का मुद्दा यह अनेक वर्षो से प्रलंबित है. मंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा पालकत्व स्विकारे गए गड़चिरोली जिले के प्रलंबित प्रकल्पों के लिए अब निधि की कमी नहीं होगी, इससे प्रलंबित प्रकल्प जल्द ही हल किए जाऐंगे, ऐसी जानकारी किरण पांडव ने दी है. 

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    2 जीजीपी – 30

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