Loading

    गोंदिया. कोविड महामारी के कारण बीते दो साल बोर्ड एग्जाम्स में कई तरह की छूट दी गई. लेकिन इस साल सभी छूट खत्म करके पूरी सख्ती बरतने की तैयारी है. महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं की तैयारी जोरों-शोरों से शुरू हो गई है.  इसके अनुसार अब बोर्ड ने उत्तर पुस्तिका लिखने से पहले ही कुछ नियम बना लिए हैं. जिसमें छात्रों को परीक्षा देते समय प्रत्येक पृष्ठ के दोनों ओर लिखना है, उत्तर पुस्तिका या पूरक का कोई पृष्ठ फटा हुआ नहीं होना चाहिए. फटे होने पर परीक्षार्थी दंड का भागी होगा. ऐसा नियम जारी किया गया है. 

    12वीं की परीक्षा 21 फरवरी से 1 मार्च तक और 10वीं की परीक्षा 2 से 25 मार्च तक होगी. इसी पृष्ठभूमि में छात्रों के लिए उत्तर पुस्तिका लिखने से पहले परीक्षा को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. उत्तर पुस्तिका लिखने से पूर्व की सूचना पत्र द्वारा  मुख्याध्यापक, कनिष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्यों को दी गई है. इसके अनुसार विद्यार्थियों को  सुबह के सत्र के लिए सुबह 10.30 बजे तक और दोपहर के सत्र की परीक्षा के लिए दोप. 2.30 बजे तक परीक्षा कक्ष में पहुंचना होगा.

    पिछले साल कोरोना के कारण बोर्ड ने विद्यार्थियों को कुछ रियायतें दी थीं. इसमें स्कूलों और कनिष्ठ महाविद्यालयों में परीक्षा केंद्र, परीक्षा के लिए पंद्रह मिनट से आधे घंटे का अतिरिक्त समय आदि शामिल थे. इस बार इन रियायतों को रद्द कर दिया गया है और परीक्षा नियमित पध्दती से होंगी. साथ ही चूंकि ज्यादातर छात्र दो साल बाद सीधे 10वीं और कुछ सीधे 12वीं की ही परीक्षा देंगे. इसलिए  उत्तर पुस्तिका लिखने से पहले विद्यार्थियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. 

    करियर की दृष्टि से बोर्ड परीक्षा महत्वपूर्ण होती है, इसलिए विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके माता-पिता द्वारा भी परीक्षा व अध्ययन को विशेष ध्यान दिया जाता है. इतना ही नहीं परिसर में होने वाले  कार्यक्रमों के दौरान लाउड स्पीकर, हंगामा, शोर सराबा आदि पर भी प्रतिबंध है. भले ही बच्चे की परीक्षा होने वाली हो, लेकिन माता-पिता पूरी मेहनत कर रहे हैं. 

    विद्यार्थी अध्ययन में मग्न …

    जैसे-जैसे 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे छात्र-छात्राएं पढ़ाई में व्यस्त हो गए हैं. स्कूलों और कॉलेजों में प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. रिवीजन पर जोर देकर पढ़ाई की जा रही है.  इस परीक्षा में गुणवत्ता अकादमिक करियर के लिए विशेष महत्व रखती है, जिससे छात्रों के साथ ही अभिभावकों की खासी कसरत शुरू है.