गोंदिया. वैश्विक कोरोना महामारी की दूसरी लहर को लेकर लोग बेपरवाह हो रहे है और अब नए वैरियेंट ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है. ओमिक्रोन सहित पुराने वैरिएंट के मामले बढ़ने के बाद तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है. इसे लेकर प्रशासन ने निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं पर लोग सतर्क नहीं हुए हैं. चिकित्सा संस्थाओं में भी कोविड के गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. जिला अस्पताल में गार्ड से लेकर पर्ची बनाने वाले कर्मचारी भी मास्क मुंह के नीचे लगा रहे है. इसके अलावा निजी अस्पताल और लैब में कुछेक ही मास्क लगा रहे है.
इस तरह की लापरवाही फिर दूसरी लहर की भयावह स्थिति को सामने ला सकती है. अभी से सावधानी नहीं बरती गई तो अगले कुछ माह में नए वेरिएट का सामना नागरिकों को करना पड़ सकता है. बताया गया है कि अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. कोरोना के पुराने वैरिएंट के संक्रमितों के साथ अब नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमित भी मिलना शुरू हो गए हैं. कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बावजूद लोग इससे बेपरवाह बिना मास्क लगाए इधर-उधर घूम रहे हैं.
मांगलिक व धार्मिक आयोजनों में उमड़ने वाली भीड़ में किसी को भी दो गज की दूरी का जरा भी ख्याल नहीं है. इतना ही नहीं चिकित्सा क्षेत्र के संस्थाएं जो संक्रमितों के इलाज के लिए तैनात है उन संस्थाओं में भी लापरवाही देखी जा रही है. जिला अस्पताल में भी लापरवाही का आलम देखा जा रहा है. यहां चिकित्सा स्टाफ हाथ में मास्क रखें घूम रहा है. अस्पताल का सुरक्षा गार्ड बिना मास्क के ड्यूटी कर रहा है. साइकिल स्टैंड से लेकर अस्पताल के वार्डो में मरीज व उनके परिजन बिना मास्क के नजर आ रहे है.
सही मायने में लोग लापरवाही की हदें पार कर रहे हैं. कोरोना गाइड लाइन तो सभी भूल गए हैं. आशंका है कि यदि लापरवाही यूं ही चलती रही तो कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण फैलने का खतरा कोई नहीं रोक सकेगा. जिसका खमियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ेगा. संक्रमण फैलने के बाद हमें गलती का एहसास होगा. सेनेटाइजर का उपयोग तो बंद ही हो गया है. ऐसे में जरूरी है कि मास्क लगाए व कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पताल व अन्य चिकित्सा संस्थाओं में जांच के लिए आने वाले मरीजों का परीक्षण किया जाना आवश्यक है. यहां तक नागरिकों की थर्मल स्क्रीनिंग भी करनी चाहिए.
केवल वैक्सीनेशन पर जोर
जिले में प्रशासन इस समय वैक्सीनेशन पर पूरा जोर देने में लगा है. गांवों में घर-घर जाकर लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं. कोविड के दूसरे डोज के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है लेकिन नए वेरिएंट के बारे में कोई सावधानी नहीं बरत रहा है. इस वजह से खतरा बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है.