- 2 माह के बिजली बिल से नागरिक सदमे में
गोरेगांव. विगत कुछ दिनों से गोरेगांव शहर समेत तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति खंडित होने के प्रमाण बढ़ गया है. दिन हो या रात कभी भी बत्ती गुल होती है. बारिश के दिनों में बिजली की बढ़ती समस्या से लोग हमेशा परेशान रहते हैं. पिछले दो माह के विद्युत बिल ने तो नागरिकों को आश्चर्यचकित कर रखा है. हजारों रु. के विद्युत बिल विद्युत ग्राहकों को प्राप्त हुए हैं. जितनी देर बिजली की आपूर्ति नहीं उससे कहीं अधिक बिजली बिल ग्राहकों को आ रहे हैं. इसका गुस्सा महावितरण की कार्यप्रणाली पर उतारा जा रहा है.
गोरेगांव तहसील पिछले कुछ महीनों से बिजली की समस्या से जूझ रहा है. यहां बार-बार बिजली गुल होना आम हो गया है. गोरेगांव शहर के साथ-साथ कुरहाडी, मोहाडी, सोनी, चोपा, लिंबा, तिल्ली, मोहगांव, हिरडामाली, दवडीपार, तेढा, तुमसर, डव्वा, गनखैरा, तुमखेडा, खाडीपार, कवलेवाडा, शहारवानी, बोटे झांजिया, घोटी, मुंडीपार, कमरगांव, लिंबा जैसे अनेक गांव में यह समस्या निर्माण हो रही है. विगत अनेक माह से इन सभी परिसर की बिजली आपूर्ति खंडीत होने का प्रमाण बढ़ गया है.
पहले वोल्टेज की कमी की एक समस्या थी, अब दिन में अनेकों बार बिजली आपूर्ति खंडित की जाती है. रात के दौरान तो हल्की हवाएं चलने पर भी बत्ती गुल होती है. एक बार खंडित हुई बिजली आपूर्ति घंटोंघंटे सुचारू नहीं होती है. जिससे नागरिक काफी त्रस्त हुए हैं. यह समस्या विगत अनेक दिनों से है.
इस और महावितरण की अनदेखी हो रही है. बिजली बिल समय पर भरने के लिए सख्ती करें, किंतु समस्या हल करने की ओर अनदेखी करने का मामला महावितरण द्वारा शुरू है. विगत 2 माह में तो बिजली बिल की राशि देख नागरिक अचंभित हो रहे हैं. बढ़ते हुए बिजली दरों विद्युत ग्राहक परेशान हैं.
ग्रामीणों का उमड़ रहा रोष
तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति निरंतर खंडित होने के बावजूद इस ओर महावितरण की अनदेखी हो रही है. रात के दौरान बिजली आपूर्ति खंडित हुई और इसकी शिकायत स्थानीय नागरिकों द्वारा लाइनमैन से मोबाइल पर करने पर प्रतिसाद नहीं मिलता है. जिला मुख्यालय समिपस्थ गांवों में भी यही स्थिति है. जिससे दूरस्थ अंचल के गांवों की स्थिति क्या होगी.
महावितरण की निरंतर अनदेखी के चलते ग्रामीणों में रोष उमड़ता नजर आ रहा है. दूसरी ओर घर में हजार रु. से ऊपर का बिजली बिल दिखाई दे रहा है. बिजली बिल समय पर ना भरने से नागरिकों की बिजली खंडित की जाती है. लेकिन विद्युत ग्राहकों को हो रही समस्या का निवारण महावितरण द्वारा समय पर नहीं किया जाता. जिससे महावितरण के प्रति नागरिकों में रोष व्याप्त है.