Bad construction work in Dhulia increased trouble, half-naked movement regarding wastage of water

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    धुलिया : मौजे उम्भारती (ताल सकरी) में जल-समृद्ध शिवार योजना के तहत किया गया कार्य बहुत ही निकृष्ट पद्धति से किया गया है, इस वजह से दोनों बांधों में रिसाव (Leaks in Dams) हो रहा है। इसके तहत संबंधित अधिकारी और ठेकेदार(Contractors) के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की मांग की जा रही। किसानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से अर्धनग्न आंदोलन किया गया।

    इस संबंध में जिलाधिकारी (District Magistrates) के माध्यम से संभागायुक्त को ज्ञापन भी दिया गया है। आंदोलनकारियों ने यह भी फैसला किया है कि मांगें पूरी होने तक उनकी आंदोलन जारी रहेगा। प्रहार तहसील प्रमुख कैलास भड़ाने, उप तहसील प्रमुख नानाजी शेलार, राहुल गावले, राजेंद्र कोराडकर, धुलिया तहसील अध्यक्ष संजय सोनवणे, दिव्यांग अघाड़ी जिला अध्यक्ष शशिकांत सूर्यवंशी, राजेंद्र भड़ाने, महेंद्र सावंत, संदीप भडाने, शरद सोनावने और उमेश सोनवणे सहित ग्रामीणों ने भाग लिया। आंदोलनकारियों ने इस दौरान कहा वर्ष 2016-17 में बनाए गए बांध का निर्माण कार्य घटिया है। बताया जा रहा है कि  दोनों बांध अगस्त 2019 से रिसाव रहा है।

    इस वजह से हर दिन पानी की बर्बादी हो रही है, बावजूद इसके संबंधित विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वर्षा काल शुरू होने से पहले मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाना चाहिए। दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही ठेकेदारों और अधिकारियों ने बिना किराया और जेब भरे खेत की जमीन से बिल निकाल लिया है। साथ ही 2009 से लेकर अब तक किसानों को खरीफ और रबी सीजन का भुगतान नहीं किया गया है। बयान में मांग की गई है कि इसे तत्काल दिया जाए और अधूरे काम को पूरा कर पानी छोड़ा जाए।