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    धुलिया : जिला परिषद (Zilla Parishad) का वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट (Budget) शुक्रवार को पेश किया गया। भाजपा (BJP) के कार्यकाल का यह लगातार दूसरे वर्ष शेष का बजट है। इस वर्ष शिक्षा के स्थान पर अधिकांश धनराशि जन स्वास्थ्य और जलापूर्ति एवं स्वच्छता (Water Supply and Sanitation), कृषि कार्यक्रमों के लिए आवंटित की गई है। 14 करोड़, 20 लाख 5 हजार रुपये के बजट का सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने सराहना की है।

    जिला परिषद बजट की विशेष आम बैठक शुक्रवार को यशवंतराव चव्हाण हॉल में अध्यक्ष तुषार रंधे की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर उपाध्यक्ष कुसुमताई निकम, कृषि और पशुपालन अध्यक्ष संग्राम पाटिल, शिक्षा अध्यक्ष मंगला पाटिल, समाज कल्याण अध्यक्ष मोगरा पड़वी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी वानमति सी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप मालोदे आदि उपस्थित थे।

    बजट में जलापूर्ति और रखरखाव

    बजट में विभिन्न प्रावधान- जिला परिषद के बजट में समाज कल्याण विभाग के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये, पिछड़े वर्ग कल्याण के लिए 90 लाख रुपये और विकलांगता कल्याण के लिए 20 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं 58 लाख 51 हजार रुपये महिला और बाल कल्याण के लिए प्रावधान किया गया है इस बजट में जलापूर्ति और रखरखाव के लिए 1 करोड़ 5 लाख 50 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। कोरोना के कारण स्वास्थ्य के महत्व को ध्यान में रखते हुए दवाओं और उपकरणों की खरीद के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

    पिछले साल सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए 1 करोड़ 43 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। शिक्षा विभाग के लिए 1 करोड़ 21 लाख 15 हजार रुपये का प्रावधान था, जबकि इस बजट में 59 लाख 80 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। स्कूलों के रखरखाव और मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग से 85 लाख रुपये की कटौती की गई है। पिछले वर्ष के 78 लाख रुपये के बजाय सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 85 लाख रुपये, जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए 75 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। 1 करोड़ 20 लाख सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए धनराशि समान रहेगी।

    कम धनराशि आवंटित

    विपक्ष के नेता पोपटराव सोनवणे ने बजट पेश करने के तुरंत बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में कृषि के लिए कम फंडिंग है। उन्होंने इस पर नाराजगी व्यक्त की, हालांकि, उन्होंने बजट में अन्य सभी मुद्दों को शामिल करने के लिए अध्यक्ष की सराहना की। इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य ज्ञानेश्वर भामरे ने कहा कि शिक्षा समिति में शिक्षकों के स्वागत के लिए कम धनराशि आवंटित की गई है। पहली मुलाकात में उन्होंने पूछा कि शिवाजी महाराज के स्मारक के निर्माण की मांग का क्या हुआ। 

    सीईओ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव!

    जिला परिषद की आम बैठक में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी वानमती सी. उनकी कार्यशैली पर तीखी नाराजगी व्यक्त की। अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया, जिसमें आधे सदस्यों ने समर्थन व्यक्त किया और अन्य सदस्यों ने कहा कि उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य ज्ञानेश्वर भामरे ने भास्कर वाघ गबन कांड को सामने लाने वाले तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनुकुमार श्रीवास्तव की कार्यशैली की याद दिलाई और वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर तीन साल में जिले को बर्बाद करने का आरोप लगाया।