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    चालीसगांव : केले (Banana) की फसल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में शामिल किया जाए। इस संबंध में मांग की गई थी। इसी के अनुरूप महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) के योजना विभाग (रोह्यो मंडल) ने 10 अगस्त 2022 को सरकारी निर्णय जारी किया है और केले की खेती के लिए विस्तृत बजट भी दिया है। सांसद उन्मेश पाटिल ने बताया कि अब केले की फसल के लिए सही मायने में मनरेगा योजना (MNREGA Scheme) लागू की गई है। 

    फासल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में शामिल किया जाए। इस संबंध में जलगांव लोकसभा सांसद उन्मेष पाटील ने की थी। तदनुसार, महाराष्ट्र सरकार योजना विभाग (रोह्यो मंडल) ने सरकारी निर्णय जारी किया और कृषि के लिए एक व्यापक बजट भी दिया है। सांसद उन्मेश पाटिल ने कहा कि अब फसल के लिए मनरेगा योजना लागू की गई है। जिसका लाभ खानदेश के किसानों को मिलेगा। सांसद पाटील ने कहा कि किसान सरकार के फैसले की समीक्षा करें। इस तरह उन्होंने अनुरोध किया है।

    उन्होंने सरकारी अनुदान राशि की जानकारी देते हुए कहा कि केला फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 3 हजार 704 रुपए पौधे/तना लगाने और उसके लिए आवश्यक चीजें अर्थात भूमि की तैयारी, गड्ढे खोदना, कांटों के पेड़ों की बाड़ लगाना, मिट्टी और खाद के मिश्रण से गड्ढों को भरना, पौध रोपण करना खाद, अंतर-खेती प्रबंधन, फसल सुरक्षा, सिंचाई और अन्य विविध इसके लिए मजदूरी और सामग्री सहित तीन साल के लिए 2 लाख 56 हजार 395 की सब्सिडी निर्धारित की गई है। इसी तरह 648 श्रम दिवस का रोजगार सृजित होगा। सांसद पाटिल ने कहा की है कि इस वर्ष प्याज का बाग लगाने वाले किसानों को इस योजना से तुरंत लाभ होगा।

    केले की फसल को मनरेगा योजना में शामिल किया गया

    सांसद उन्मेष पाटील ने महा विकास आघाड़ी पर प्रहार करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने केला फसल को मनरेगा योजना के तहत शामिल किया था। इसके बावजूद उक्त योजना को लागू नहीं किए जाने पर किसानों ने समय-समय पर नाराजगी व्यक्त की थी। लेकिन सांसद पाटील की मेहनत और राज्य में सरकार बदलने के बाद की गई तत्काल कार्रवाई से किसान खुश हैं। इससे किसानों की उत्पादन लागत कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए किसानों ने सांसद उन्मेष पाटील का आभार व्यक्त किया है।