जामनेर में उड़ाई जा रही है कानून की धज्जियां

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    जामनेर : सूचना अधिकार कार्यकर्ता जगदेव बोरसे ने पीडब्लूडी (PWD) से प्राप्त किए पत्र के मुताबिक इस बात की पुष्टि हुई है कि जामनेर शहर के बीच से जाने वाले नेरी सावखेड़ा राजमार्ग (Neri Sawkheda Highway) नं 41 और भुसावल जामनेर पहुर राजमार्ग (Bhusaval Jamner Pahur Highway) नं 44 यह दोनो सड़के पीडब्लूडी की मिल्कियत है। जिन्हे जामनेर नगर परिषद की ओर ट्रांसफर नहीं किया गया है। बोरसे ने विवादित अतिक्रमण हटाओ मुहिम (Removal of Encroachment Campaign) से जुड़ी आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए और भी RTI फ़ाइल किए है। 

    कार्रवाई से पीडब्लूडी को अलग क्यों

    जिनके जवाब प्रतीक्षारत है। वैसे पीडब्लूडी ने ये सड़के निगम को ट्रांसफर नहीं की तो बीते महीने 16 जुलाई को नगर परिषद ने किस अधिकार से गरीबो के कच्चे अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया। कार्रवाई को लेकर नगर परिषद ने पीडब्लूडी को अवगत कराया गया था?। सरकारी आदेश के मुताबिक बारिश के मौसम मे किसी भी किस्म का अतिक्रमण नाहीव हटाया जा सकता तो फिर उक्त कार्रवाई का कानूनी आधार क्या है?। क्या इस कार्रवाई के लिए जिला अधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक की आपसी सहमति थी? कार्रवाई से पीडब्लूडी को अलग क्यों? रखा गया, आखिर किसके इशारे पर अधिकारियों ने अपना विवेक खोते हुए सनक का शिकार हो कर गरीब लोगों की लाखों रुपए की संपत्ती कुचलकर बर्बाद कर दी। 

    नगर परिषद के आम चुनाव मार्च 2023 में होने हैं 

    आज भी निगम के कुछ कर्मठ कर्मचारी कार्रवाई के नाम पर आए दिन फेरी वालों से उलझ रहे है। मार्च 2023 में नगर परिषद के आम चुनाव होने हैं, क्या नोट के अहंकार को वोट के चोट की कोई फिक्र नहीं रही। राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू है देश आजादी की 75वी वर्षगांठ मना रहा है। इस अमृत काल में  प्रशासनिक दंश का जहर सेह रहे पीड़ित विस्थापित लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाले सदन से इतनी उम्मीद रख सकते है कि कोई सदस्य उन पर हो रहे इस अन्याय पर सरकार से जवाब मांगे।