मनरेगा कर्मचारियों का जिला अधिकारी कार्यालय पर धरना, जानें क्या है मामला

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    जलगांव : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme) के तहत ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों (Employees) ने विभिन्न मांगों को लेकर 1 फरवरी को जलगांव जिला अधिकारी कार्यालय (Jalgaon District Magistrate Office) के बाहर धरना (Strike) शुरू किया है। इस संबंध में एक ज्ञापन जिला अधिकारी को दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि कई कर्मचारी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजना के अंतर्गत पिछले 12 सालों से लगातार ठेके पर काम कर रहे हैं। वरिष्ठों द्वारा समय-समय पर सौंपे गए कार्यों और उत्तरदायित्वों को सुचारू रूप से निर्वहन कर रहे और योजना के कार्यों को समय पर पूरा कर रहे हैं। 

    इसी प्रकार कोविड-19 की महामारी के दौरान भी जान की परवाह किये बिना नियमित रूप से कार्यरत रहे हैं। सरकारी सुविधा न होते हुए भी मग्रारोहयो के तहत गांव के प्रत्येक मजदूर को रोजगार उपलब्ध कराकर बड़ी मात्रा में काम किया है। फिर भी पिछले 3-4 साल से संविदा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि नहीं हुई है। सीएससी के माध्यम से 2 विषयों की नियुक्ति की गई थी। उस समय भी हमने संगठन की ओर से बहिष्कार किया था और मंत्रालय में अपने स्तर पर बैठक की थी। 

    18 फरवरी को महाराष्ट्र में हड़ताल

    हमारे कर्मचारियों को सुझाव दिया गया था कि सीएससी हमारे लिए कैसे उपयोगी है। लेकिन CSC मार्फत कर्मचारियों को किमान वेतन और योजना में काम करने वाले कुछ चुनिंदा कर्मचारी राज्य निधी असोसिएशन से नियुक्ति और मानधन ले रहे हैं। उसी तर्ज पर हमें भी स्टेट फंड एसोसिएशन की ओर से मजदूरी और नियुक्ति दी जाए। साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष में पी.एम.और एम आईएस के वेतन में 14 से 15 हजार की वृद्धि की गई लेकिन हमारे ठेका कर्मचारियों के वेतन में आज तक कोई वृद्धि नहीं हुई है। यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 18 फरवरी को एक दिवसीय हड़ताल कर महाराष्ट्र में आंदोलन तेज किया जायेगा। 

    मनरेगा मजदूरों की मांग

    1. मनरेगा की पृथक व्यवस्था बनाकर कार्यरत ठेका कर्मचारियों को आकृतिबंध किया जाए। 
    2. पश्चिम बंगाल की तर्ज पर मजदूरी दी जाए। 
    3. योजना के तहत सभी ठेका कर्मचारियों की नियुक्ति राज्य निधि संघ में की जाए। 
    4. ग्राम रोजगार सेवक की लंबित मांगों को पूरा किया जाए। 
    5. मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की गारंटी दी जाए।