
धुलिया: केंद्र और राज्यों की बीजेपी सरकार (BJP Govt.) ईडी (ED) जैसे एजेंसी का दुरुपयोग कर विपक्ष को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं। हाल ही में ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील (Jayant Patil) को पूछताछ के लिए तलब किया है। धुलिया शहर एनसीपी (Dhulia City NCP) ने शहर जिला अध्यक्ष रंजीत राजे भोसले (Ranjit Raje Bhosle) के नेतृत्व में इसका विरोध कर जिलाधिकारी (DM) को ज्ञापन दिया।
रंजीत राजे भोसले ने कहा कि लोकतंत्र में एक व्यवहार्य विपक्षी दल और उसकी अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण होती है, लेकिन आज देश में खासकर भाजपा शासित राज्यों और महाराष्ट्र में विपक्ष की आवाज को दबाने की लगातार कोशिश हो रही है। दुर्भाग्य से यह लोकतांत्रिक मूल्यों को रौंद कर सत्ता के दुरुपयोग का प्रयास है। विपक्षी दलों को दबाने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा ईडी, सीबीआई, एनआईबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
बीजेपी कर रही दरार पैदा करने वाली राजनीति
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्हें 13 महीने तक जेल में रखा गया, लेकिन जांच में पता चला कि यह सच नहीं था। पूर्व मंत्री नवाब मलिक को भी जेल में डाल दिया गया है, क्योंकि उन्होंने बीजेपी के कुछ गलत कामों को जनता के सामने उजागर किया था। वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के दामाद को गिरफ्तार कर लिया गया। नेता हसन मुश्रीफ से भी पूछताछ की गई है। व्यवस्थाओं का यह दुरूपयोग न केवल एनसीपी बल्कि अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भी हो रहा है। साम, दाम, दंड, भेद किसी भी मार्ग से सत्ता पाने के लिए गैर बीजेपी राज्यों में बीजेपी के चल रही नीतियों को पूरा देश देख रहा है। दरार पैदा करने वाली राजनीति करके और विधायकों को तोड़ कर राज्यों में सरकार गिराने का काम बीजेपी कर रही है।
विपक्ष को खत्म करने की राजनीति हित में नहीं
महाराष्ट्र राज्य में तो अब सरकार की पहचान खोखे (करोड़ों) की सरकार के नाम से बन गई है। विपक्ष को खत्म करने की ऐसी राजनीति देश और प्रदेश के हित में नहीं है। कर्नाटक में हाल के चुनावों ने दिखाया है कि जनता ने ऐसी राजनीति को खारिज कर दिया है। आने वाले समय में यह तस्वीर देश और महाराष्ट्र में देखने को मिल सकती हैं। विपक्ष के दमन का लोकतांत्रिक विरोध स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। ज्ञापन में कहा गया है कि लोकतंत्र को बनाए रखने और संविधान निर्माताओं द्वारा अपेक्षित लोकतंत्र को बहाल करने के लिए हमें इस स्थिति से केंद्र सरकार और राज्य सरकार को अवगत कराना होगा।
प्रदर्शन में इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर एनसीपी के रणजीत राजे भोसले, जोसेफ मलबारी, जगन ताकटे, गोरख शर्मा, महेंद्र शिरसाट, भिका नेरकर, मनोज कोलेकर, कुणाल पवार, सरोज कदम, शकीला बक्ष, राजेंद्र चितोडकर, राजेंद्र सोलंकी, रईस शेख पत्रकार, डी.टी.पाटील, राजू डोमाले, राजू चौधरी, जितु पाटील, वाल्मिक मराठे, दीपक देवरे, जयदीप बागल, तसवर बेग, तुषार वाघ, एजाज शेख, शोएब अंसारी, समद शेख, अमीन शेख, चेतन पाटील, रामेश्वर साबरे, मयूर देवरे, भूषण पाटील, मसुद अंसारी, निखिल पाटील, चेतन पाटील, सागर पाटील, भटू पाटील, गोरख अहिरे, जुनेद शेख, सतिष पाटील, प्रसाद दालवाले, निलेश चौधरी, स्वामिनी पारखे आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।