ये हैं उपभोक्ता के अधिकार, जलगांव में हुआ वेबिनार

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जलगांव. ऑनलाइन खरीदी (Online shopping) करते समय में उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer goods) की कीमत, दर्जा, उपयोगिता आदि बातों को लेकर सजग रहना चाहिए। इस तरह का निर्देश जिलाधिकारी अभिजीत राउत (District Collector Abhijeet Raut) ने दिया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग और जिलाधिकारी आपूर्ति शाखा द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में ऑनलाइन वेबिनार (Online webinar) का आयोजन किया गया। इस समय जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय बोरवाल, अपर जिलाधिकारी प्रवीण महाजन, निवासी डिप्टी कलेक्टर राहुल पाटिल, जिला आपूर्ति अधिकारी सुनील सूर्यवंशी, पुलिस उपाधीक्षक अरुण धनावडे, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त बेंडकुले, सहायक आयुक्त  बी. जी. जाधव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी ऑनलाइन उपस्थित थे। कार्यक्रम जलगांव जिलाधिकारी कार्यालय के फेसबुक पेज से सीधा लाइव दिखाया गया। 

जिलाधिकारी ने आगे कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग (Online shopping) की ओर उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सामान बेचने वाली संस्थाओं के बारे में ग्राहकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। जब तक संस्था के बारे में ठीक-ठीक पता न हो तो चीजों के बारे में पूरी जानकारी लेकर ही खरीदी करना चाहिए।

उपभोक्ताओं को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन या शॉपिंग करते समय एटीएम का पिन गोपनीय रखा जाना चाहिए। ओटीपी किसी को भी नहीं दिया जाना चाहिए, राशि रजिस्टर करते समय ध्यान रखा जाना चाहिए। अनावश्यक ऐप डाउनलोड नहीं करने चाहिए, लॉटरी लगने के आने वाले ईमेल से सावधान रहना चाहिए, ऐसा भी मार्गदर्शन जिलाधिकारी ने किया।

 उपभोक्ता को माल की जानकारी, सुरक्षा और पसंद का अधिकार

जिला आपूर्ति अधिकारी सूर्यवंशी ने कहा कि उपभोक्ता को माल की जानकारी, सुरक्षा और पसंद का अधिकार है। नागरिकों ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का पूर्ण उपयोग करना चाहिए। सहायक आपूर्ति अधिकारी प्रशांत कुलकर्णी ने अपने प्रास्ताविक में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की शुरुआत के बारे में बताया। बेंडकुले ने खाद्य पदार्थों के बारे में बताया, जबकि डॉ. मणिकराव ने दवाओं से संबंधित कानूनों और खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा समय-समय पर किए गए जांच अभियान और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के बारे में बताया। जाधव ने वैध मापन शास्त्र विभाग द्वारा लागू किए जा रहे उपभोक्ता हित कानूनों के बारे में बताया।

नया उपभोक्ता कानून उपभोक्ताओं के लिए वरदान: न्यायमूर्ति बोरवाल

न्यायमूर्ति बोरवाल ने कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए 1986 में बनाए गए कानून में 2019 में संशोधन किया गया है। नया कानून उपभोक्ताओं के लिए एक वरदान होगा और उपभोक्ताओं को उन छह अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए जो उपभोक्ताओं के लिए हैं। ग्राहक को सामान खरीदते समय सावधानी बरतने और बिल लेने की जरूरत है। उपभोक्ता आयोग के पास जिला, राज्य और राष्ट्रीय की तीन-स्तरीय संरचनाएं हैं और जिला आयोग द्वारा 1 करोड़ रुपये तक के दावों को नियंत्रित किया जाता है।

5 लाख रुपये तक के सामान पर शिकायत करने के लिए कोई शुल्क नहीं

किसानों को भी बीजों के बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए सभी विवरणों को रखने की आवश्यकता है। 5 लाख रुपये कीमत की किसी  भी चीज के बारे में शिकायत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। यह बताते हुए आयोग के पास शिकायत कैसे दर्ज करें? इसके बारे में ग्राहकों जानना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों के खिलाफ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से संपर्क किया जा सकता है। उपस्थितों का आभार ए.जी. जोशी ने माना।