प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने 18 साल की श्वेता सिंह को  ‘बुली बाई’ ऐप (Bulli Bai App Case) मामले में हिरासत में ले लिया है। वहीं, रुद्रपुर पुलिस स्टेशन में उसकी ट्रांजिट रिमांड की प्रक्रिया चल रही है। यह जानकारी उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की और से दी गई है। माना जा रहा है कि हिरासत में ली गई युवती, इस मामले में मुख्य आरोपी है। 

    एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मुंबई साइबर पुलिस के एक दल ने उत्तराखंड से एक युवती को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि युवती को इस मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवती पर इस ऐप से संबंधित कई खाते संचालित करने का संदेह है।  उन्होंने कहा कि अपराध शाखा का एक दल उत्तराखंड में है और महिला से पूछताछ की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि महिला को ट्रांजिट रिमांड के लिए एक अदालत में पेश किया जाएगा और इसके बाद मुंबई लाया जाएगा।  

    इससे पहले, मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा को मंगलवार को 10 जनवरी तक के लिए मुंबई पुलिस की हिरासत में भेज दिया। युवती और आरोपी छात्र कथित तौर पर एक-दूसरे को जानते हैं। मुंबई साइबर पुलिस ने छात्र विशाल कुमार झा को सोमवार को बेंगलुरु से पकड़ा था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।  पुलिस ने झा को 10 दिनों की हिरासत में देने और बेंगलुरु में उसके परिसरों की तलाशी लेने की अदालत से अनुमति मांगी। 

    पुलिस की दलील सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपी छात्र को 10 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया और पुलिस को उसके परिसरों की तलाशी लेने की भी अनुमति दे दी। आरोपी छात्र की हिरासत मांगे जाने के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष कहा कि उत्तराखंड में हिरासत में ली गई संदिग्ध को मुंबई लाए जाने के बाद दोनों आरोपियों से एक साथ पूछताछ की जाएगी। 

     छात्र के वकील दिनेश प्रजापति ने कहा, ”मेरे मुवक्किल विशाल झा को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उसकी इस फर्जी ऐप या कोई फर्जी खाता बनाने में कोई भूमिका नहीं है। वह केवल एक छात्र है।” प्रजापति ने इस बात से भी इंकार किया कि झा और संदिग्ध युवती एक-दूसरे को जानते हैं।  इससे पहले पुलिस ने, ‘गिटहब’ मंच के ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डाले जाने की शिकायत प्राप्त होने के बाद अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी।  

     उल्लेखनीय है कि, मुंबई साइबर पुलिस थाने ने ऐप के अज्ञात डेवलपर और उसका प्रचार-प्रसार करने वाले ट्विटर हैंडल के विरुद्ध भी एक मामला दर्ज किया है।  पुलिस ने कहा कि इन ट्विटर हैंडल में से कई की प्रोफाइल तस्वीर पगड़ी पहने हुए लोगों की है और पोस्ट में लिखी गई सामग्री पंजाबी भाषा में लिखी गई है, जिसे लेकर माना जा रहा है कि ये गलत पहचान दिखाकर भटकाने का प्रयास है। यह मामला ‘बुली बाई’ नामक ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए बिना इजाजत सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के छेड़छाड़ किये हुए चित्र और विवरण डालने का है।

    ज्ञात हो कि, एक साल से भी कम समय में ऐसा दूसरी बार हुआ है। पिछले साल ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर इसी प्रकार की सामग्री डाली गई थी।  इस मामले को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच दिल्ली पुलिस ने भी गिटहब से बुली बाई ऐप को बनाने वालों के बारे में जानकारी मांगी है और ट्विटर से भी इससे संबंधित सामग्री को हटाने को कहा है। पुलिस ने ट्विटर से उस खाते के बारे में भी जानकारी मांगी है, जिससे सबसे पहले इस ऐप के बारे में ट्वीट किया गया। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस साइबर उत्पीड़न की निंदा करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठायी है।  (भाषा इनपुट के साथ)