धारावी पुनर्विकास के लिए बन रहा मास्टर प्लान, 5 महीने में करना है तैयार

Loading

प्रिया पांडे @ नवभारत

मुंबई: एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी का पुनर्विकास (Dharavi Redevelopment) ‘धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया जाएगा. यह कंपनी अडानी समूह (Adani joint venture) द्वारा स्थापित की गई है। इसी के मद्देनज़र अब पुनर्विकास का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। राज्य सरकार की शर्त के अनुसार कंपनी की स्थापना के 150 दिनों (5 महीना) के भीतर प्रोजेक्ट योजना को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजना अनिवार्य है। इस पुनर्विकास प्लान में पुनर्वास बिल्डिंग, स्कूल, पार्क, अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।
 
इसके अलावा योजना में धारावी में मौजूद औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार केंद्र की स्थापना भी शामिल होगी। बता दें कि अडानी प्रॉपर्टीज ने मुंबई स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर बनाया था, जिसे सरकार ने 60 दिनों के भीतर बनाने का निर्देश दिया था। इसी के तहत 20 प्रतिशत हिस्सा (100 करोड़ रुपये) राज्य सरकार का है और 80 प्रतिशत हिस्सा (400 करोड़ रुपये) अडानी का है। साथ ही अध्यक्ष राज्य सरकार का होगा और मैनेजिंग डायरेक्टर अडानी का होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि अडानी ने यह कदम तब उठाया है जब अडानी प्रोजेक्ट कानूनी विवादों में फंसा हुआ है। 
 

असमंजस की स्थिति में लोग
महाराष्ट्र सरकार ने धारावी के पुनर्विकास के लिए अंतिम मंजूरी दे दी है। नवंबर 2022 में महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किया था। उस वक्त अडानी ग्रुप ने 5069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर कॉन्ट्रैक्ट जीता था। हालांकि धारावीकरों को आपत्ति है कि प्रोजेक्ट योजना के बारे में कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। धारावी के लोगों की मांग है कि धारावी के पुनर्विकास प्रोजेक्ट की शुरुआत में विकास योजना की घोषणा की जानी चाहिए। धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट को लेकर सरकार और अडानी समूह की ओर से अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है। इसलिए पिछले 19 वर्षों से धारावी के पुनर्विकास की इच्छा रखते हुए वहां के लोग फिलहाल असमंजस की स्थिति में हैं। 

कई सालों से लटका हुआ है प्रोजेक्ट
प्रवक्ता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट कई सालों से अटका हुआ है। धारावी का क्षेत्र 259 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसमें 12,000 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ लगभग 6 लाख की आबादी का अनुमान लगाया गया है। अनुमानित 59,000 योग्य झुग्गी परिवार हैं, जो पुनर्वास प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। छोटे बड़े उद्योगों और उद्यमों के जरिये तकरीबन एक लाख से अधिक लोग यहां रोजगार करते हैं। इस परियोजना का उद्देश्य एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों के लोगों को रहने लायक घर, कामकाज के अवसर प्रदान करना है। सरकार की इस योजना में मौजूदा और नए व्यवसायों के लिए औद्योगिक, व्यावसायिक क्षेत्र, बेहतर सुविधाएं, बुनियादी ढांचे, बेहतर परिस्थितियों और विकास के लिए प्लेटफार्म के साथ-साथ व्यावसायिक गतिविधियों का निर्माण करना शामिल हैं।