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हाइलाइट्स

  • मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गठित की एसआईटी

नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: दिवंगत दिशा सालियान की खुदकुशी का बहुचर्चित मामला शिवसेना नेता व विधायक आदित्य ठाकरे के लिए मुसीबतों का सबब बनता नजर आ रहा है। इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इसकी दोबारा जांच के लिए SIT का गठन करने का ऐलान किया है। उक्त जांच में की जाएगी। बता दें कि 14 जून 2020 को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित खुदकुशी से कुछ दिन पहले (8 जून, 2020 को) उनकी 28 वर्षीया पूर्व मैनेजर सालियान ने मालाड स्थित एक बहुमंजिला इमारत से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने अब इस मामले में DIG रैंक के अधिकारी की अगुआई वाली एसआईटी द्वारा आदित्य ठाकरे की भूमिका की जांच कराने का निर्णय लिया है। 

सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने की थी मांग
गौरतलब है कि भाजपा विधायक नितेश राणे लंबे समय से दिशा सालियान की मौत आत्महत्या के बजाय हत्या होने का दावा करते रहे हैं। राणे इस मामले के तार ठाकरे से जुड़े होने के आरोप खुलकर लगाते रहे हैं। पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने सालियान की मौत की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की थी। तब शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक भरत गोगावले ने मुद्दा उठाया था और नितेश राणे ने उनकी मांग का अनुमोदन किया था। जिसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में कहा था, “मामला पहले से ही मुंबई पुलिस के पास है। जिनके पास सबूत है वे इसे प्रस्तुत कर सकते हैं। यह मामला सत्तारूढ़ विधायकों द्वारा दोबारा उठाए जाने पर शिंदे सरकार ने अब आदित्य ठाकरे के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया है। 

आशीष शेलार (भाजपा मुंबई प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक) ने कहा, दिशा सालियान केस में जिस तरह के सबूत सामने आ रहे हैं, उससे संदेह के बादल गहरा रहे हैं। इसे जनता को समझाने की जरूरत है। अगर सरकार ने इसके लिए एसआईटी का गठन किया है तो आदित्य ठाकरे को खुद एसआईटी का सामना करना चाहिए और संदेह की इस धुंध को दूर करना चाहिए। 

बदले की राजनीति
ठाकरे गुट के मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु ने कहा, शिंदे सरकार का यह फैसला पूरी तरह से आदित्य ठाकरे के खिलाफ बदले की राजनीति है। मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि पहले वह ड्रग्स मामले में गिरफ्तार ललित पाटिल मामले में जिन मंत्रियों और नेताओं के नाम आए हैं। पहले उसकी जांच करें। इसके बाद आदित्य की जांच करें।